अमेठी वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को मिल रहा जिंदगी को नए तरीके से जीने का अवसर!

Last Updated:
अमेठी वृद्धाश्रम में उपजिलाधिकारी प्रीति तिवारी की पहल से बुजुर्ग महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे आचार, चिप्स, पापड़ बनाना सीखेंगी.
वृद्धाश्रम में प्रशिक्षण लेती महिलाएं
हाइलाइट्स
- अमेठी वृद्धाश्रम में बुजुर्ग महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण मिलेगा.
- बुजुर्ग महिलाएं आचार, चिप्स, पापड़ बनाना सीखेंगी.
- प्रशिक्षण से बुजुर्गों को आर्थिक लाभ और आत्मनिर्भरता मिलेगी.
अमेठी: जिन अपनों को बुजुर्ग महिलाओं का सहारा बनना चाहिए था, उनकी उपेक्षा के बाद अब ये महिलाएं खुद अपनी पहचान बनाएंगी. अमेठी जिले के वृद्धाश्रम में महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है. इसके तहत बुजुर्ग महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपने जीवन को सम्मान के साथ जी सकें और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें.
उपजिलाधिकारी की पहल लाई रंग
यह पहल अमेठी की गौरीगंज तहसील की उपजिलाधिकारी प्रीति तिवारी की मेहनत और सोच का परिणाम है. उनके निर्देशन में बुजुर्ग महिलाओं को हुनर सिखाने और आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया गया है. वृद्धाश्रम में रहने वाली महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
प्रशिक्षण के लिए जिले के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिनमें तिलोई की आरती स्वयं सहायता समूह, जायस की वैष्णवी स्वयं सहायता समूह और गौरीगंज की एक अन्य समूह शामिल हैं. प्रशिक्षण कार्य शुरू कर दिया गया है.
बुजुर्ग सीखेंगे आचार, चिप्स और पापड़ बनाना
बुजुर्गों को आचार, मुरब्बा, चिप्स, पापड़, मूंज क्रॉप के सामान, घरेलू उपयोग के उत्पाद, मिठाई के डिब्बे और अन्य उपयोगी चीजें बनाना सिखाया जाएगा. इससे न केवल उन्हें आय का जरिया मिलेगा बल्कि उनका समय भी रचनात्मक कार्यों में लगेगा.
समूह की अध्यक्ष ने बताया कि प्रशिक्षण से बुजुर्गों को न सिर्फ समय का सही उपयोग करने का मौका मिलेगा बल्कि उन्हें इसके बदले आर्थिक लाभ भी मिलेगा. जरूरत की चीजें खरीदने के लिए अब उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
अब मिलेगा रोजगार
वृद्धाश्रम में रहने वाली एक 60 वर्षीय एक महिला ने बताया कि पहले वे खाली समय में बैठी रहती थीं, लेकिन अब इस पहल से उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे. नई-नई चीजें बनाना सीखने से उनका समय भी व्यतीत होगा और आमदनी भी होगी. उन्होंने इस पहल को सरकार की तरफ से बुजुर्गों के लिए एक बेहतरीन कदम बताया.
शारीरिक क्षमता के अनुसार मिलेगा प्रशिक्षण
वृद्धाश्रम की प्रबंधक ने बताया कि बुजुर्गों को उनकी शारीरिक क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा. शुरुआती चरण में दादी अम्मा के आचार की बिक्री की जाएगी. इसके अलावा मूंज क्रॉप के सामान, घरेलू उपयोग के उत्पाद, मिठाई के डिब्बे, दरी, टोकरी, दलिया और भौकी जैसे सामान भी बुजुर्गों से तैयार करवाए जाएंगे. बिक्री से मिलने वाले सारे पैसे बुजुर्गों को दिए जाएंगे, जिससे उनकी आजीविका बेहतर होगी और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होगा.