आर्म्ड फोर्सेज का सपना, चार दिन, दो कामयाबी, SSB SI से बने असिस्टेंट कमांडेंट

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आर्म्ड फोर्सेज का सपना, चार दिन, दो कामयाबी, SSB SI से बने असिस्टेंट कमांडेंट


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UPSC CAPF Story: अगर इंसान में कुछ कर गुजरने की चाह हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता रोक नहीं सकता. ऐसे ही उत्तराखंड के अभय खंडूरी ने चार दिन में दो बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं.

UPSC CAPF Story: SSB SI से बने असिस्टेंट कमांडेंट

हाइलाइट्स

  • चार दिन में दो वर्दियां!
  • पहाड़ से चला, देश की सेवा तक पहुंचा
  • कर्णप्रयाग का लाल, दोहरा धमाल!

UPSC CAPF Story: इंसान के अंदर अगर कुछ पाने की ललक हो, तो फिर किसी भी परिस्थिति में सफलता प्राप्त किया जा सकता है. ऐसी ही कहानी उत्तराखंड के अभय खंडूरी (Abhay Khanduri) की है, जिन्होंने चार दिनों के भीतर दो बड़ी उपलब्धियां हासिल कर मिसाल कायम की है. हाल ही में वे सशस्त्र सीमा बल (SSB) की ट्रेनिंग पूरी कर सब इंस्पेक्टर के रूप में पास आउट हुए हैं, और ठीक इसके चार दिन बाद उनका चयन UPSC CAPF परीक्षा में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर भी हो गया.

SSB में ट्रेनिंग, साथ ही UPSC की तैयारी

सब इंस्पेक्टर से असिस्टेंट कमांडेंट बनने वाले अभय मूलरूप से उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग कस्बे से ताल्लुक रखते हैं. अभय वर्तमान में CTC SSB गढ़वाल में सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग ले रहे थे. इसी दौरान उन्होंने UPSC CAPF (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स) की परीक्षा की तैयारी भी जारी रखी. अगस्त 2024 में दी गई परीक्षा का परिणाम कुछ ही दिन पहले आया, जिसमें उनका चयन असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हुआ.

स्थानीय शिक्षा, ऊंची सोच

अभय का जन्म और प्रारंभिक शिक्षा कर्णप्रयाग में हुई. 12वीं तक की पढ़ाई यहीं पूरी करने के बाद उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (HNBU), श्रीनगर गढ़वाल से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. पढ़ाई के साथ-साथ उनका झुकाव शुरू से ही सेना और सुरक्षा बलों की ओर था, जिसके चलते उन्होंने पहले SSB जॉइन किया और फिर CAPF की तैयारी जारी रखी.

दोहरी सफलता, बढ़ा आत्मविश्वास

अभय कहते हैं कि उन्होंने जब SSB में ट्रेनिंग शुरू की, तभी से UPSC की तैयारी को भी जारी रखा था. अब जब वह SI की ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं, तो असिस्टेंट कमांडेंट की ट्रेनिंग उनके लिए और भी उपयोगी साबित होगी. अभय खंडूरी की इस उपलब्धि से न सिर्फ कर्णप्रयाग बल्कि पूरे उत्तराखंड को गर्व है. उनके संघर्ष, अनुशासन और लगन ने यह साबित कर दिया कि अगर जज़्बा हो, तो पहाड़ों से भी ऊंचे मुकाम हासिल किए जा सकते हैं.

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Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin…और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin… और पढ़ें

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