इस विधि से टमाटर की खेती कर किसान बन गया मालामाल, लाखों में हो कमाई, लागत भी बेहद कम

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इस विधि से टमाटर की खेती कर किसान बन गया मालामाल, लाखों में हो कमाई, लागत भी बेहद कम


Agency:News18 Uttar Pradesh

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Tomato-Cultivatio: बाराबंकी का किसान मदन चंद्र वर्मा मल्च विधि से हाईब्रिड टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस विधि से टमाटर की खेती कर किसान लाखों का मुनाफा कमा रहा है. बाजार में इस टमाटर की डिमांड भी काफी रहती है.

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मल्च विधि से कर रहे हैं टमाटर की खेती

संजय यादव/बाराबंकी : वैसे सर्दियों के मौसम में कई ऐसी  फसलें  हैं, जिनकी अधिक पैदावार होती है. और यह फसलें  किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित होती है. दरअसल हम बात कर रहे हैं टमाटर की खेती की. क्योंकि इसकी डिमांड बाजार में खूब ज्यादा होती है. इसकी खेती में खर्च भी कम आता है और इसको एक बार लगाने के बाद दो से तीन महीने तक इसकी फसल मिलती रहती है. आप इसकी खेती से बहुत शानदार कमाई कर सकते हैं और हाइब्रिड किस्म के टमाटर खेती में सामान्य टमाटर से ज्यादा मुनाफा मिलता है. इसकी कीमत भी अन्य टमाटर से ज्यादा होती है.

बाराबंकी जिले के कुरौली गांव गांव के रहने वाले किसान मदन चंद्र वर्मा बचपन से ही सब्जियों की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा फायदा हुआ. आज वह करीब 5 बीघे में टमाटर की खेती कर रहे हैं जिनमें उन्हें एक फसल पर डेढ़ से दो लाख रुपए  का मुनाफा हो रहा है.

टमाटर की खेती करने वाले किसान मदन चंद्र वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि  वैसे तो मैं आलू टमाटर, फूलगोभी  आदि सब्जियों की खेती बचपन से करते आ रहे हैं. इस समय मेरे पास करीब 5 बीघे में हाइब्रिड किस्म का टमाटर लगा है. जिसमें लागत करीब एक बीघे में 20 से 25 हजार रुपए आती है. वहीं मुनाफा करीब एक फसल पर डेढ़ से दो लाख रुपये तक हो जाता है. क्योंकि टमाटर की डिमांड बाजारों में हमेशा बनी रहती है और कीमत भी अच्छी मिलती है. यह जो हमारे पास हाइब्रिड किस्म का टमाटर लगा है यह अन्य किस्मों के मुकाबले काफी अच्छी पैदावार देता है और इसका साइज भी बड़ा होता है. इस खेती में लागत थोड़ी ज्यादा आ जाती है, क्योंकि इसमें बॉस डोरी, पन्नी, कीटनाशक दवाइयां आदि का खर्च थोड़ा ज्यादा आ जाता है. लेकिन मुनाफा कहीं अधिक मिलता है. इसकी खेती हम मल्च विधि से करते हैं.

इसकी खेती करने के लिए पहले हम टमाटर के बीजों की नर्सरी करते हैं. वहीं 15 से 20 दिनों में  जब नर्सरी तैयार हो जाती है फिर खेत में गोबर व वर्मी कंपोस्ट खाद डालकर दो से तीन बार गहरी जुताई की जाती है. फिर खेत में बेड बनाकर इस पर हम मल्च बिछा देते हैं. फिर इस पर टमाटर के पौधों की रोपाई कर इसकी सिंचाई करनी होती है. जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है, तब इसके पौधे को बॉस डोरी के सहारे बांध देते हैं. जिससे इसका पौधा सीधा रहता है और जो फल लगते हैं, उसमें मिट्टी व रोग लगने का खतरा कम रहता है और फलों को तोड़ने में भी आसानी होती है. वहीं ये फसल करीब 60 से 65 दिन बाद निकलने लगती है.

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