कन्नौज कांड से बेखबर, फर्रुखाबाद में फर्जी डॉक्टर की लापरवाही से हुई मौत

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फर्रुखाबाद में झोलाछाप डॉक्टर अंजेश की गलत इलाज से डोली नामक महिला की मौत हो गई. परिजन ने हंगामा किया और पुलिस पर झोलाछाप को भगाने का आरोप लगाया. आरोपी के पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है. मामले में स्वास्थ्य विभा…और पढ़ें
महिला की मौत के बाद बिलखते परिजन
हाइलाइट्स
- फर्रुखाबाद में गलत इलाज लगने से डोली नामक महिला की मौत हो गई.
- परिजनों ने हंगामा किया और पुलिस पर झोलाछाप को भगाने का आरोप लगाया.
- आरोपी के पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है.
फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हुई दर्दनाक घटना के बाद भी फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य विभाग ने कोई सबक नहीं लिया. अब फिर से एक और परिवार झोलाछाप डॉक्टर के कारण उजड़ गया. झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक महिला की मौत हो गई और परिजनों ने जमकर हंगामा किया.
यह मामला फर्रुखाबाद जिले के याकूतगंज इलाके का है. यहां झोलाछाप डॉक्टर अंजेश ने बिना मेडिकल डिग्री के इलाज कर महिला को दो इंजेक्शन लगाए और कुछ दवाएं देकर घर भेज दिया. घर पहुंचते ही महिला की तबीयत बिगड़ गई और थोड़ी ही देर में उसकी मौत हो गई. मृतका डॉली के पति दीपक कुमार उर्फ संजय ने बताया कि अगर सही इलाज होता तो शायद उनकी पत्नी आज जिंदा होती.
क्या है पूरा मामला?
डॉली की तबीयत बिगड़ने पर उसे तुरंत याकूतगंज के एक कथित डॉक्टर अंजेश के पास ले जाया गया. वहीं उसने इंजेक्शन लगाए और दवा दी. परिजन उसे तुरंत घर ले आए लेकिन कुछ ही देर में डॉली की हालत और बिगड़ गई. आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल लोहिया ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
परिजनों ने किया हंगामा
इसके बाद परिजनों में गुस्सा फूट पड़ा. शव को सड़क किनारे रखकर परिजनों ने हंगामा किया. मौके पर थाना कमालगंज और फतेहगढ़ कोतवाली की पुलिस पहुंची और झोलाछाप डॉक्टर को हिरासत में लिया. लेकिन कुछ ही देर बाद वह पुलिस जीप से भाग गया. इससे परिजनों का गुस्सा और भड़क गया. उन्होंने पुलिस पर झोलाछाप को भगाने का आरोप लगाया और काफी देर तक नोकझोंक चलती रही. रात करीब एक बजे परिजन किसी तरह शव लेकर घर रवाना हुए.
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10 सालों से कर रहा था इलाज
जानकारी के मुताबिक, मृतका डॉली की शादी चार साल पहले ही दीपक कुमार से हुई थी. चार साल बाद ये परिवार उजड़ गया. अब मृतका के पति ने फतेहगढ़ कोतवाली में झोलाछाप अंजेश के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी अंजेश के पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है. उसने खुद बताया कि उसके पिता पहले बिना डिग्री इलाज करते थे और उसी ‘फॉर्मूले’ पर वह पिछले 10 सालों से बिना डिग्री मरीजों का इलाज कर रहा है.
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या कन्नौज की घटना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं टूटी? कितने और घर उजड़ने के बाद ये अवैध क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टरों पर ठोस कार्रवाई होगी? फिलहाल, इस घटना के बाद फर्रुखाबाद में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ फिर से छापेमारी की मांग तेज हो गई है.