किसान इस चावल की करें खेती, कम समय में बन जाएंगे मालामाल! डायबिटीज के लिए है रामबाण, बंपर है डिमांड

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किसान इस चावल की करें खेती, कम समय में बन जाएंगे मालामाल! डायबिटीज के लिए है रामबाण, बंपर है डिमांड


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Kodo Rice Farming: डायबिटीज के मरीज को डॉक्टर के द्वारा चावल ना खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन कुछ ऐसे भी चावल होते हैं जो डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं. कोदो उन्हीं किस्म में से ए…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • कोदो चावल की खेती से किसान कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा.
  • डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए कोदो चावल फायदेमंद.
  • कोदो चावल की मार्केट में कीमत 100-120 रुपये प्रति किलो.

आजमगढ़. खेतों में धान की बुवाई का समय शुरू हो चुका है. अपने खेतों में किसानों के द्वारा धान की बुवाई के लिए तैयारी भी की जा रही है. इसके लिए खेतों को तैयार किया जा रहा है. आमतौर पर किसानों के द्वारा अपने खेतों में धान की उन किस्म का चयन किया जाता है, जिसकी मार्केट में सबसे ज्यादा मांग होती है. या जिसे ज्यादातर लोगों द्वारा खाने में पसंद किया जाता है, उन्हीं में से एक है चावल की कोदो किस्म. किसान अपने खेतों में धान की कोदो किस्म की रोपाई कर सकते हैं, जिसकी मार्केट में खूब डिमांड है. यह चावल काफी सेहतमंद माना जाता है.

शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद

देशभर में शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या काफी अधिक है. वहीं डायबिटीज के मरीज को डॉक्टर के द्वारा चावल न खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन कुछ ऐसे भी चावल होते हैं, जो डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं. कोदो उन्हीं किस्म में से एक है. चावल की इस किस्म की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होने के कारण मार्केट में इसकी अच्छी खासी डिमांड है. ऐसे में अगर वह किसान जो व्यावसायिक रूप से चावल का उत्पादन करता है, उसके लिए यह वैरायटी बेहद फायदेमंद हो सकती है.

बेहद आसान है इसकी खेती

कृषि एक्सपर्ट डॉ. राकेश की मानें तो कोदो एक ऐसी फसल है, जो कम उपजाऊ जमीन या ऊंचे खेतों में भी आसानी से हो सकती है. आमतौर पर धान की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है, लेकिन कोदो एक ऐसी फसल है, जिसकी उपज के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती. इसकी बुवाई करने के लिए किसानों को ज्यादा मेहनत की भी आवश्यकता नहीं होती है. कृषि एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इसके बीज बहुत छोटे होते हैं. ऐसे में इसे बहुत गहराई में नहीं बोया जाता. हल्की जुतान करके भी इसके बीज को आसानी से बोया जा सकता है. पौधों की बुवाई के लिए प्रति एकड़ 6 से 7 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है.

मार्केट में इतनी है कीमत

किसानों द्वारा यदि सही देखरेख और बेहतर तरीके से कोदो की खेती की जाए, तो यह उनके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के द्वारा इसकी मांग सबसे अधिक की जाती है. मार्केट में यह फसल 100 से 120 रुपए किलो की दर से बिकती है, जो किसानों के लिए बेहद फायदे का सौदा हो सकती है. कोदो पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें विटामिन मिनरल के साथ-साथ कैल्शियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है. इसके अलावा इसमें विटामिन बी और फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसका ग्लिसमिक इंडेक्स 55 से भी काम होता है, जो शुगर के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

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