केले की खेती से किसान कर रहे लाखों की कमाई, जानिए इनकी सफलता और मुनाफे का राज

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मऊ जनपद के नौसेमर घाट निवासी सत्यम यादव बताते हैं कि वह लगभग 6 से 7 सालों से केले की खेती कर रहे हैं. केले की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पहले उनके परिवार वाले सब्जियों की खेती करते थे. लेकिन अच्छा मुनाफा…और पढ़ें
मऊ जनपद के नौसेमर घाट निवासी किसान सत्यम यादव ने लोकल 18 से कहा कि बताते हैं कि वह लगभग 6 से 7 सालों से केले की खेती कर रहे हैं. केले की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पहले उनके परिवार वाले सब्जियों की खेती करते थे. लेकिन अच्छा मुनाफा नहीं होता था. उन्होंने सोचा कि क्यों ना अकेली की खेती की जाए जिसकी 12 महीने मांग रहती है. उन्होंने किले की खेती शुरू कर दी और आज लाखों की कमाई कर रहे हैं.सत्यम बताते हैं कि केले की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो. इसके अलावा गर्म और आर्द्र जलवायु में यह फसल अच्छी होती है. तापमान 20 से 35 डिग्री सेल्सियस और वर्षा 100-200 सेंटीमीटर उपयुक्त मानी जाती है.
एक हेक्टेयर में 35 टन तक उत्पादन
यदि चाहते हैं की केले की खेती करें तो उसके के लिए केले की रोपाई जुलाई से अगस्त और फरवरी-मार्च में की जाती है. एक हेक्टेयर में लगभग 1700-2000 पौधे लगाए जाते हैं. प्रति पौधे में 15-20 किलो गोबर की खाद, नीम की खली, और संतुलित रासायनिक खाद देना चाहिए. साथ ही समय-समय पर सिंचाई और कीटनाशक छिड़काव आवश्यक है. टिशू कल्चर पौधों से खेती करने पर उत्पादन अधिक और बीमारी कम होती है. समय-समय पर छिड़काव करते रहने से केले के फल पर किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं पड़ती है. इसका फल बेहतर अच्छा होता है. हालांकि बाजारों में केले तो दर्जन के हिसाब से बिकते हैं. लेकिन उनके खेत से केले किलो के हिसाब से जाते हैं. एक पौधा औसतन 20-30 किलो केले का गुच्छा देता है. एक हेक्टेयर से 30 से 35 टन तक उत्पादन संभव है। बाजार में प्रति किलो 10-20 रुपये तक दाम मिल सकता है. इस तरह किसान एक हेक्टेयर से एक सीजन में 3 से 6 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.