ग्रेटर नोएडा में दो अंडरपास के लिए जारी करना पड़ेगा री-टेंडर, जानिए खास वजह

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Greater Noida news: इस बार बनाए जाने वाले अंडर पास में तकनीकी का बदलाव किया जाएगा. 2020 के बाद एक्सप्रेसवे पर कुंडली एड्वेंट और सेक्टर 96 अंडर पास बॉक्स पुशिंग…
दो अंडरपास के लिए क्यों जारी करना पड़ेगा रि-टेंडर, जिन कंपनियों ने किया आवेदन उन
ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर दो नए अंडरपास बनाए जाने का फैसला लिया गया था. इसके लिए टेंडर जारी किया गया था. इन दोनों अंडरपास के निर्माण के लिए पांच पांच कंपनियां आई थी. स्कूटनी में सभी कंपनियां रिजेक्ट हो गई. अब दोबारा से दोनों अंडरपास के लिए टेंडर जारी किया जाएगा. जिसमें किसी एक कंपनी का चयन होगा. ऐसे में शिलान्यास के बाद अंडरपास के निर्माण कार्य को शुरू कर दिया जाएगा. इसका शिलान्यास खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया था.
इतने बजट से तैयार होंगे दोनों नए अंदर पास
पहले अंडरपास एक्सप्रेसवे पर 16.900 किलोमीटर चैनेज पर सेक्टर 145 146 155 और 159 के बीच बनाया जाएगा. इसकी लंबाई 800 मीटर होगी इसे एक निर्माण में करीब 99.74 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. इससे 9 विकसित विकास सदन औद्योगिक सेक्टर 151,153, 154 155 156 से लेकर 162 और नौ गांवों को लाभ मिलेगा.
दूसरे अंडरपास का लाभ
दूसरा अंडरपास सुल्तानपुर के पास एक्सप्रेसवे पर 6.10 किलोमीटर चैनेज पर सेक्टर 128,129,132 और 108 के बीच बनेगा. इसकी लंबाई 731 मीटर की होगी. इसके निर्माण में कुल 81.61 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. इस अंडरपास से सेक्टर 104 से लेकर 135 और फेस 2 सेज़ के साथ 11 गांवों को लाभ मिलेगा.
इस तकनीकी के इस्तेमाल से किए जाएंगे अंडर पास का निर्माण
इस बार बनाए जाने वाले अंडर पास में तकनीकी का बदलाव किया जाएगा. 2020 के बाद एक्सप्रेसवे पर कुंडली एड्वेंट और सेक्टर 96 अंडर पास बॉक्स पुशिंग तकनीकी पर बनवाए गए थे. इसमें लगातार एक्सप्रेसवे की सड़क घसने की समस्याएं सामने आई थी. इसलिए अब की बार अंडर पास निर्माण के लिए प्राधिकरण डाया फ्रॉम तकनीकी का चयन किया गया है.