पान, ठंडाई से लेकर टमाटर चाट…जानिए काशी विश्वनाथ को चढ़ने वाले भोगो की कहानी

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Kashi Vishwanath Temple: काशी विश्वनाथ नाथों के नाथ हैं और उनका मंदिर वाराणसी की आस्था और परंपरा का सबसे अहम केंद्र है. इस प्राचीन मंदिर से जुड़ी कई ऐसी रस्में और परंपराएं हैं, जो आज भी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ निभाई जाती हैं. उन्हीं में से एक है—बाबा को हर दिन चढ़ाए जाने वाले खास भोग, जो बनारस के प्रसिद्ध जायकों से जुड़े होते हैं.
कोई परम्परा मन्दिर से जुड़ी है तो कोई भक्त अपने श्रद्धा से अपने नाथ बाबा विश्वनाथ को ये चींजे चढ़ाता है. आइये जानते है विस्तार से इन खास चीजों के बारें में…

बनारस आने वाला हर शख्स यहां का पान जरूर ट्राई करता है, और यही बनारसी पान काशी विश्वनाथ को भी प्रतिदिन भोग स्वरूप अर्पित किया जाता है. मंगला आरती के दौरान सिंघाड़े के आकार वाला यह खास पान मंदिर के अर्चक बाबा भगवान को चढ़ाते हैं. खास बात यह है कि इस पान को भुल्लन पान वाले परिवार की तीन पीढ़ियां लगातार तैयार कर रही हैं.

पान के अलावा बाबा विश्वनाथ को ठंडाई भी चढ़ाई जाती है. सप्तऋषि आरती के दौरान वाराणसी की 70 साल पुरानी ‘बाबा ठंडाई’ की दुकान से यह ठंडाई मंदिर पहुंचाई जाती है. मंदिर के अर्चक स्वयं इसे लेकर बाबा को अर्पित करते हैं.

यहां का टमाटर चाट भी बाबा को भोग स्वरूप अर्पित किया जाता है, काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित विश्वनाथ चाट भंडार के संचालक हर दिन दुकान खोलने से पहले टमाटर चाट बनाकर स्वयं मंदिर जाकर बाबा को चढ़ाते हैं.

सिर्फ टमाटर चाट ही नहीं, बल्कि हर दिन बाबा को गोलगप्पे का भी भोग लगाया जाता है. यह परंपरा कई दशकों से चली आ रही है. इसके अलावा सर्दियों के मौसम में बाबा विश्वनाथ को चूड़ा मटर का भोग भी अर्पित किया जाता है, जो श्रद्धा और बनारसी स्वाद का अद्भुत संगम है.

वहीं, इन सबके अलावा हर दिन काशी विश्वनाथ को उनके प्रिय भांग का भी भोग लगाया जाता है. मंगला आरती के दौरान यह भोग नियमित रूप से चढ़ता है, और भांग का यह प्रसाद भक्तों में प्रसाद स्वरूप वितरित भी किया जाता है.