योगी बाबा के लाए यूपी धर्मांतरण कानून में बुरे फसेंगे छांगुर बाबा और उसके चेले.. ये धाराएं करेंगी हर गुनाह का हिसाब!

दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने 28 नवंबर 2020 को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 लागू किया था, जिसे 2021 में विधानसभा द्वारा विधेयक के रूप में पारित कर कानून बनाया गया. इस कानून का उद्देश्य धोखाधड़ी, बल, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन, या विवाह के जरिए होने वाले अवैध धर्मांतरण को रोकना है. 30 जुलाई 2024 को इस कानून में संशोधन किया गया, जिसके तहत सजा को और सख्त किया गया और नए अपराधों को शामिल किया गया.
इन मामलों में लागू होता है यह कानून
छांगुर बाबा और अब्दुल रहमान के खिलाफ आरोप
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों पर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और अन्य क्षेत्रों में अवैध धर्मांतरण का एक बड़ा नेटवर्क चलाने का आरोप है. उत्तर प्रदेश एटीएस ने 5 जुलाई 2025 को छांगुर बाबा और उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था. जांच में खुलासा हुआ कि इस नेटवर्क ने विदेशी फंडिंग (100-200 करोड़ रुपये) का उपयोग कर हजारों लोगों, खासकर युवतियों, का धर्मांतरण कराया. छांगुर बाबा ने कथित तौर पर प्रलोभन, धमकी, और प्रेमजाल (लव जिहाद) का सहारा लिया. इसके अलावा, उनके पास से धर्मांतरण की दरों की एक “रेट लिस्ट” भी बरामद हुई, जिसमें ब्राह्मण/क्षत्रिय/सरदार लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये और अन्य जातियों के लिए 8-12 लाख रुपये की राशि तय थी.
किन धाराओं के तहत होगी कार्रवाई
छांगुर बाबा और अब्दुल रहमान के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की निम्नलिखित धाराएं लागू हो सकती हैं, जो 2024 के संशोधन के बाद और सख्त हो गई हैं:
धारा 5(1): यह धारा उन मामलों को कवर करती है जहां धर्मांतरण नाबालिग, महिला, या अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों के साथ किया जाता है। इसमें सजा को और सख्त किया गया है.
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002: छांगुर बाबा के मामले में विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू की है. पीएमएलए की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग) और धारा 4 (सजा) लागू हो सकती हैं. 2024 के संशोधन के बाद यूपी के धर्मांतरण विरोधी कानून में सजा को और सख्त कर दिया गया है. सामान्य धर्मांतरण (धारा 3) में 1 से 5 साल की कैद और कम से कम 15,000 रुपये का जुर्माना. नाबालिग, महिला, या अनुसूचित जाति/जनजाति के खिलाफ धर्मांतरण (धारा 5(1)): इस मामले में 2 से 10 साल की कैद और कम से कम 25,000 रुपये का जुर्माना. यदि धर्मांतरण विवाह के लिए किया गया, तो विवाह को शून्य घोषित किया जा सकता है.
सामूहिक धर्मांतरण: 3 से 10 साल की कैद और कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना. साथ ही यदि कोई सामाजिक संगठन सामूहिक धर्मांतरण में शामिल पाया जाता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.
छांगुर बाबा के मामले में क्या हो सकती हैं सजा
उत्तर प्रदेश एटीएस छांगुर बाबा, नीतू उर्फ नसरीन, और उनके सहयोगी नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन से विदेशी फंडिंग, प्रलोभन, और सामूहिक धर्मांतरण के बारे में पूछताछ कर रही है. जांच में 22 बैंक खातों में 60 करोड़ रुपये और 10 संपत्तियों में 40 करोड़ रुपये की जानकारी सामने आई है. प्रवर्तन निदेशालय ने छांगुर बाबा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है. उनकी संपत्तियां, जिनमें बलरामपुर में एक आलीशान कोठी शामिल थी (जिसे बुलडोजर से ढहाया गया), जब्त की जा सकती हैं. सामूहिक धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के आरोपों के चलते धारा 4 के तहत आजीवन कारावास और भारी जुर्माना हो सकता है. साथ ही, पीएमएलए के तहत उनकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं.