विदेशी कंपनियां, चांदनी चौक, नेताओं के नंबर और… डायरी ने खोली गाजियाबाद के नटवरलाल हर्षवर्धन की गुप्त दुनिया

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विदेशी कंपनियां, चांदनी चौक, नेताओं के नंबर और… डायरी ने खोली गाजियाबाद के नटवरलाल हर्षवर्धन की गुप्त दुनिया


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Fake Embassy Exposed in Ghaziabad: नटवरलाल को गुजरे हुए जमाना हो गया लेकिन उनकी विरासत को आगे बढ़ाने वालों की अब भी कमी नहीं है. ऐसे ऐसे ठग हमारे समाज में मौजूद हैं, जिनकी करतूतें हैरान करने वाली हैं. ऐसा ही एक…और पढ़ें

80 हजार किराए की कोठी, करोड़ों की ठगी की कहानी, डायरी ने खोल दी परत दर परत कहानी

हाइलाइट्स

  • गाजियाबाद में चल रही थी फर्जी एंबेसी.
  • कोठी पर लगा था एंबेसी ऑफ वेस्ट आर्कटिक का बोर्ड.
  • STF की छापेमारी में खुला था फर्जीवाड़ा.
गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद में यूपी एसटीएफ ने हाल ही में एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया था. आरोपी हर्षवर्धन जैन गाजियाबाद के पॉश इलाके कविनगर में एक किराए की कोठी में चार देशों की फर्जी एंबेसी चला रहा था. कोठी के बाहर नीली नंबर प्लेट और विदेशी झंडों वाली लग्जरी गाड़ियां खड़ी थीं, जो लोगों को धोखा देने के लिए इस्तेमाल की जा रही थीं. अब एसटीएफ के हाथ एक बड़ा सबूत लगा है. इससे हर्षवर्धन के कारनामे तो खुलेंगे ही. इसके साथ ही पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हो सकता है.

इस डायरी में नटवरलाल हर्षवर्धन ने कई निजी और वित्तीय जानकारियां लिख रखी थीं. इसमें साफ तौर पर दर्ज है कि उसने कविनगर क्षेत्र में 1000 गज की एक कोठी किराए पर ली थी. इसका मासिक किराया 80,000 रुपये था. यह कोठी स्वतंत्रता सेनानी अनूप सिंह के बेटे सुशील की बताई जा रही है. डायरी में यह भी लिखा गया है कि सुशील के बैंक खाते में हर्षवर्धन की पत्नी डिंपल जैन के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर किया गया था.

हैरान करने वाली बात यह है कि डायरी में कई देशों के नागरिकों के नाम और मोबाइल नंबर भी लिखे हुए हैं. इसके अलावा, लगभग दो दर्जन से ज्यादा स्थानीय लोगों के नंबर भी मिले हैं. इनमें से कुछ राजनीतिक और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग बताए जा रहे हैं. डायरी में चांदनी चौक स्थित डिंपल जैन के चांदी के कारोबार का भी उल्लेख है. इससे साफ है कि इस रैकेट में पूरा परिवार किसी न किसी रूप में शामिल हो सकता है.

एसटीएफ डायरी में लिखी सभी जानकारियों को खंगाल रही है. बैंक अकाउंट, विदेशों में कंपनियों का नेटवर्क और फोन नंबरों की जांच की जा रही है. इसके जरिए एसटीएफ यह समझने की कोशिश कर रही है कि हर्षवर्धन का नेटवर्क कितना बड़ा है और किन-किन लोगों से उसका संपर्क था. इस डायरी ने जांच एजेंसियों को कई नए सुराग दे दिए हैं, जिनके आधार पर आने वाले दिनों में और बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

गाजियाबाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लेने की तैयारी पूरी कर ली है. बताया जा रहा है कि पुलिस को उससे और कई अहम जानकारियों की उम्मीद है. खासकर डायरी में दर्ज विदेशी खातों, कंपनियों और नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में. हर्षवर्धन की रिमांड से उसके अंतरराष्ट्रीय ठगी नेटवर्क का पूरा खुलासा हो सकता है. पुलिस इस मामले में और भी लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिनका नाम डायरी में मिला है.

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