संतान सुख की चाह है? इस मंदिर में केले का प्रसाद दिला सकता है खुशखबरी!

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संतान सुख की चाहत में भटक रहे दंपतियों के लिए उत्तर प्रदेश के मऊ जिले का एक गांव आस्था का केंद्र बना हुआ है. महुआर ग्राम पंचायत में स्थित श्री 1008 श्री पहवारी बाबा महाराज जी की सैकड़ों साल पुरानी कुटिया और ताल…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में संतान प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध मंदिर.
- नवरात्र की अष्टमी पर केले का प्रसाद ग्रहण करने से संतान प्राप्ति होती है.
- महुआर ग्राम पंचायत में स्थित श्री पहवारी बाबा महाराज जी की कुटिया.
केले से होती है पुत्र की प्राप्ति
इस कुटिया पर नवरात्र माह में अष्टमी के दिन विशाल हवन-पूजन का आयोजन किया जाता है. इस आयोजन में बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, वाराणसी, प्रयागराज सहित अन्य जनपदों से खासकर वे महिलाएं आती हैं जिन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हो रही होती है. मान्यता है कि अगर वे महिलाएं यहां की प्रसाद के रूप में मिलने वाला केला ग्रहण करती हैं, तो उन्हें पुत्र या पुत्री की प्राप्ति होती है.
महुआर गांव निवासी रामसुधार पाण्डेय ने बताया कि श्री 1008 श्री पहवारी बाबा महाराज जी की कुटिया, तालाब और यहां मौजूद पीपल के पेड़ से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. जैसे कि अगर कोई चोर चोरी करता है और अपनी गलती नहीं मानता, तो उसे इस कुटिया पर लाया जाता है, जहां वह खुद अपनी गलती स्वीकार कर लेता है.
पीपल से जुड़ा सच
यहां मौजूद विशाल पीपल के पेड़ के बारे में मान्यता है कि इसका ऊपरी तना जमीन तक आ चुका है, लेकिन इसे कोई काट या तोड़ नहीं सकता. अगर कोई जानबूझकर ऐसा करता है, तो उसे उसकी सजा बड़े नुकसान के रूप में मिलती है. इसी कारण कोई भी इस पेड़ की पत्तियां तक नहीं तोड़ता. उन्होंने कुटिया के पीछे मौजूद तालाब के बारे में बताया कि कई वर्ष पहले इस तालाब में एक मछली और एक सांप रहा करते थे, जिन्हें सोने के आभूषण पहनाए गए थे. हालांकि अब वे दिखाई नहीं देते.
जानें यहां के चमत्कार
यदि आपकी संतान नहीं हो रही है और आप इसको लेकर परेशान हैं, तो नवरात्र में होने वाली यहां की पूजा में शामिल होकर प्रसाद के रूप में केला ग्रहण करें. मान्यता है कि यदि महिला यह प्रसाद ग्रहण कर लेती है, तो उसे संतान की प्राप्ति होती है. ऐसे कई उदाहरण बताए जाते हैं, जहां संतान सुख से वंचित महिलाएं यहां दर्शन के लिए आईं और प्रसाद के रूप में केला ग्रहण करने के बाद उन्हें संतान प्राप्त हुई.
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