सिर्फ 30 दिन मिलता है ये काला दानेदार फल, ताकत में अनार और सेब का है बाप

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सिर्फ 30 दिन मिलता है ये काला दानेदार फल, ताकत में अनार और सेब का है बाप


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Mirzapur Phalsa fruit cultivation: यूपी में मिर्जापुर के किसान फालसा फल की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. फालसा फल 200 रुपये किलो बिकता है, जो सेब से महंगा है. यह फल केवल एक महीने उपलब्ध रहता है और सेहत के लिए फ…और पढ़ें

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फालसा

हाइलाइट्स

  • मिर्जापुर में फालसा की खेती बड़े पैमाने पर होती है.
  • फालसा फल 200 रुपये किलो बिकता है, जो सेब से महंगा है.
  • फालसा फल केवल एक महीने उपलब्ध रहता है.

मिर्जापुर: अभी तक आपने कई फलों को देखा होगा, जिसकी कीमत 100 रुपये के पार रहती है. यह सभी फल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. वहीं, महंगे फलों में फेमस सेब को भी बहुत ही फायदेमंद फल है. हालांकि यूपी में मिर्जापुर का दानेदार फल फालसा की कीमत सेब से ज्यादा है. वर्तमान समय में फालसा 200 रुपये किलो के रेट से बिक रहा है. इस फल की बाजार में डिमांड अधिक है. यह फल मात्र एक महीने ही उपलब्ध रहता है. एक महीने के बाद एक साल इंतजार करना पड़ता है.

मिर्जापुर जिले के बरकछा खुर्द गांव में बहुयायत मात्रा में फालसा की खेती होती है. काफी संख्या में किसान फालसा की खेती करते हैं. फालसा की खेती किए हुए किसान जग्गा मौर्य ने लोकल 18 से बताया कि हमारे पिता भी इसकी खेती करते थे. अब हम लोगों के द्वारा खेती किया जा रहा है. बीज के माध्यम से रोपण करने के बाद पौधा तैयार हो जाता है. साल में एक बार नवम्बर में पौधे की छटाई की जाती है. वहीं, 15 मार्च से पैदावार शुरू होकर करीब मई माह तक होता है.

हमेशा रहती है डिमांड

जग्गा मौर्य ने बताया कि फालसा फल की डिमांड बाजार में अधिक रहती है. मिर्जापुर और वाराणसी में करीब 150 रुपये किलो के हिसाब से बिक्री होती है. वहीं, लखनऊ में करीब 400 रुपये किलो दाम है. फल और बीज दोनों स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इसलिए डिमांड बनी रहती है. यह एकमात्र फल है, जिसका दाम कम नहीं होता है. हमेशा इसका दाम 100 रुपये के पार रहता है. बिक्री में कोई परेशानी नहीं होती है.

इतना होता है पैदावार

जग्गा मौर्य ने बताया कि हमने करीब 7 बिस्वा में खेती किया है. अभीतक करीब 20 से 30 किलो पैदावार हो रहा है. कुछ दिनों में प्रतिदिन एक कुंतल तक पैदावार होगा. 10 बिस्वा में 2 लाख से ज्यादा का शुद्ध मुनाफा हो जाता है. खेती में खाद व कीटनाशक का प्रयोग नहीं के बराबर होता है. इसलिए खर्च भी बेहद कम है और फायदा ज्यादा है.

सेहत के लिए रामबाण ये फल

जग्गा मौर्य ने बताया कि फालसा की खेती का हब मिर्जापुर जिला है. यहीं पर बहुयायत मात्रा में खेती होती है. वाराणसी व लखनऊ में छिटपुट खेती की जाती है. यहीं पर सबसे अधिक फालसा की खेती की जाती है. फालसा पेट के लिए रामबाण है. गर्मी के दिनों में यह फल खाने से बीमारी दूरी भागती है. गर्मी का प्रभाव भी नहीं पड़ता है. यही वजह है कि बाजारों में मांग बनी रहती है.

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