अटल बिहारी वाजपेयी ने कानपुर के इस कॉलेज से की थी LLB की पढ़ाई, गंगा किनारे लगता था जमावड़ा – former prime minister bharat ratna Atal Bihari Vajpayee connection with kanpur

0
अटल बिहारी वाजपेयी ने कानपुर के इस कॉलेज से की थी LLB की पढ़ाई, गंगा किनारे लगता था जमावड़ा – former prime minister bharat ratna Atal Bihari Vajpayee connection with kanpur


Atal Bihari Vajpayee भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का कानपुर से गहरा नाता था। उन्होंने डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए किया। कानपुर में रहने के दौरान वह गंगा तट पर दोस्तों के साथ बैठकर रणनीति बनाते थे। उनकी स्मृतियाँ आज भी कॉलेज में जीवंत हैं। स्वर्णिम चतुर्भुज की परिकल्पना देने वाले वाजपेयी की पंक्तियाँ छात्रों को प्रेरित करती हैं।

शिवा अवस्थी, कानपुर। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अपने कंपू यानी कानपुर से गहरा नाता रहा। 25 दिसंबर को उनकी जन्मतिथि है। वे पिता के साथ वीआइपी रोड किनारे स्थित डीएवी कॉलेज में पढ़े, ये सभी जानते हैं। राजनीति के हुनर सीखने के उनके किस्से आम हैं।

कम लोग जानते हैं, उनकी महफिल गंगा तट पर भी सजती रही। यहीं दोस्तों के साथ रणनीति बनाई, राजनीति के गुर सीखे और आगे बढ़े। इसमें उनके सहपाठी भी सहभागी बनते रहे। कई बार गंगा तट पर रेत में आकर्षक चित्रकारी भी की। उनकी स्मृतियां डीएवी कॉलेज में अभी तक जीवंत हैं।

राजनीति शास्त्र में ली थी एमए की डिग्री

अटल बिहारी वाजपेयी जब डीएवी कॉलेज आए, तब अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन चरम पर था। वर्ष 1945 में उन्होंने दाखिला लिया तो उनका हॉस्टल में कमरा संख्या 104 था। यहां से राजनीति शास्त्र में उन्होंने एमए की डिग्री ली थी। इसके बाद पिता के साथ एलएलबी की पढ़ाई की शुरू की। पिता भी बेटे के साथ हॉस्टल में रहे, लेकिन राजनीति में कूदने पर उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।

यहां तक सभी जानते हैं पर गंगा किनारे सरसैया घाट व आसपास उनकी लगने वाली महफिलों की यादें अभी तक हैं। शाम के वक्त गंगा किनारे सिलबट्टे पर भांग पीसने के बाद फिर रंग-तरंग में सभी डूब जाते थे।
वीर रस की उनकी कविताएं हर किसी के अंतर्मन को छू जाती थीं। दोस्तों की मंडली देशभक्ति के गीतों से गंगा तट वालों को भी जोश में भर देती थी। दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज में अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियां हर कोने में हैं। प्रवेश द्वार को अटल द्वार नाम दिया जा चुका है। अंदर प्रवेश करते ही दीवार अटल जी का बड़ा सा चित्र बरबस ही ध्यान खींचता है।

अभी भी संरक्षित है हॉस्टल का कक्ष

चंद्रशेखर आजाद प्रेक्षागृह में मंच पर अपने पूर्व छात्र अटल जी का चित्र उकेरा है। यहां हमेशा छात्र-छात्राओं के रहने से उन्हें प्रेरणा मिलती है। ऐसे ही अटल स्मृति शोध केंद्र में अनुसंधान कार्य चलते हैं। महाविद्यालय हॉस्टल में वह कक्ष अभी भी संरक्षित है, जहां वे रहते थे।स्वर्णिम चर्तुभुज की परिकल्पना देश को देने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियां यहां हमेशा अक्ष्क्षुण रहेंगी। उनकी पंक्तियां हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा… छात्र-छात्राओं के बीच हमेशा गूंजती रहती हैं। इनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है।
डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार दीक्षित ने बताया

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियां हर कोने में हैं। कॉलेज परिसर से लेकर छात्रावास में उनके कक्ष तक इन्हें संजोया गया है। अक्सर राजनीति विज्ञान के छात्र-छात्राओं के बीच उन्हें लेकर परिचर्चा होती है। उनकी यादों को सहेजने के लिए और प्रयास किए जा रहे हैं। स्वाधीनता आंदोलन की गाथा भी जोड़ी गई है। 

विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग डीएवी कॉलेज, डॉ. दया दीक्षित ने बताया

अटल जी अब भी सबकी यादों में हैं। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में हुए कार्यों को लेकर वे जीवंत हैं। जब भी उनकी बात होती है, तब डीएवी कॉलेज को लोग अवश्य याद करते हैं। यहां से ही वे राजनीति के शिखर तक पहुंचे।

इसे भी पढ़ें: IPS Ankita Sharma: ट्रांसफर के बाद भी जारी रहा IPS अंकिता शर्मा का एक्शन, कई बदमाश मुठभेड़ में गिरफ्तार

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *