अब अमेरिका तक जाएगा अलीगढ़ का ताला, व्यापारियों की होगी बल्ले-बल्ले

पहले कुछ पुर्जे इंग्लैंड से आते थे, लेकिन समय के साथ पूरी ताला निर्माण प्रक्रिया अलीगढ़ में ही होने लगी. आज यहां करीब 5,000 छोटी-बड़ी इकाइयां ताले और हार्डवेयर का उत्पादन करती हैं.

जानकारी देते हुए अलीगढ़ के ताला कारोबारी ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर टैरिफ 125% से बढ़ाकर 245% कर देने के फैसले का असर वैश्विक व्यापार पर पड़ा है.

चीन हर साल अमेरिका को लगभग 1.19 अरब डॉलर के ताले निर्यात करता था, लेकिन टैरिफ बढ़ने से चीनी ताले महंगे हो गए हैं. इससे भारत के अलीगढ़ शहर के ताला कारोबारियों के लिए एक नया अवसर बनता नजर आ रहा है.

अलीगढ़ से पहले भी अमेरिका को कुछ ताले और ब्रास हार्डवेयर निर्यात किए जाते थे, लेकिन अब यह संभावना बन रही है कि अमेरिका में अलीगढ़ के ताले अधिक निर्यात होंगे क्योंकि वे सस्ते और मजबूत हैं.

हालांकि, ताला कारोबारी ज्ञानेंद्र मिश्रा का मानना है कि अलीगढ़ की ताला इंडस्ट्री फिलहाल डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक लॉक निर्माण में पीछे है, जबकि अमेरिका में इनकी मांग ज्यादा है.

अगर अलीगढ़ के निर्माता इस तकनीक में महारत हासिल कर लें, तो उन्हें बहुत बड़ा लाभ हो सकता है. अभी अलीगढ़ में आधुनिक तकनीक से बने कुछ ताले जैसे पिन सिलेंडर लॉक लोकप्रिय हो रहे हैं, जिन्हें दोहराना लगभग नामुमकिन है.

उन्होंने कहा कि इस टैरिफ वॉर से फिलहाल अलीगढ़ को सीमित फायदा होगा, लेकिन यदि उद्योग डिजिटल ताले बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए, तो यह अवसर अलीगढ़ की ताला इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.