अब एक साल में करें मास्टर ऑफ लॉ, कानपुर यूनिवर्सिटी में नया पाठ्यक्रम लागू

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Kanpur University News : कानपुर विश्वविद्यालय ने LLM की अवधि दो साल से घटाकर एक साल कर दी है. इससे कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों को कम समय मास्टर्स पूरा करने का मौका मिलेगा.
कानपुर विश्विद्यालय
कानपुर. ऐसे छात्राएं जो कानपुर विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम) करना चाहते हैं, उनके लिए अच्छी खबर है. अब वो नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की तर्ज पर कानपुर विश्वविद्यालय से सिर्फ एक साल में अपनी मास्टर्स इन लॉ की डिग्री पूरी कर सकते हैं. कानपुर विश्वविद्यालय (छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय) ने अपने लॉ के छात्रों को बड़ी राहत देते हुए एलएलएम की अवधि दो साल से घटाकर एक साल कर दी है. अब छात्र केवल एक वर्ष में अपनी मास्टर डिग्री पूरी कर सकेंगे. ये बदलाव नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) के तर्ज पर किया गया है, जहां पहले से ही एलएलएम एक वर्षीय पाठ्यक्रम के रूप में संचालित हो रहा है.
ऐसे छात्रों को सीधा लाभ
एलएलएम की अवधि कम होने से विद्यार्थियों को अब कम समय में उच्च शिक्षा पूरी करने का अवसर मिलेगा. पहले जहां दो साल लगते थे, अब सिर्फ एक साल में यह डिग्री प्राप्त की जा सकेगी. इससे उन छात्रों को खास फायदा होगा जो जल्दी से अपनी पढ़ाई पूरी कर न्यायिक सेवाओं, विधि परामर्श, अकादमिक क्षेत्र या कॉरपोरेट लॉ में करियर बनाना चाहते हैं. कानपुर विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक कहते हैं कि ये बदलाव छात्रों के लिए फायदेमंद होगा. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों की अब समय की बचत होगी और वे अन्य करियर विकल्पों की ओर भी ध्यान दे सकेंगे. शोध कार्य में रुचि रखने वाले छात्रों को भी अपने विषयों पर अधिक फोकस करने का समय मिलेगा.
राष्ट्रीय तर्ज पर कदम
देशभर की प्रमुख नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) पहले से ही एक वर्षीय एलएलएम पाठ्यक्रम चला रही है. कानपुर विश्वविद्यालय के इस बदलाव को लागू करने से ये संस्थान भी राष्ट्रीय स्तर की कानूनी शिक्षा प्रणाली के अनुरूप हो गया है. इससे कानपुर और आसपास के क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहरों में जाने की जरूरत नहीं होगी.
कैसे होगा पाठ्यक्रम में बदलाव
एलएलएम की अवधि को घटाने के साथ ही पाठ्यक्रम को भी अधिक गहन और प्रभावी बनाया जाएगा. अब एक साल में ही छात्र सभी आवश्यक विषयों और शोध कार्य को पूरा कर सकेंगे. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस बदलाव से शिक्षा की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आएगी, बल्कि ये अधिक केंद्रित और व्यावहारिक होगा.
नए बदलाव से क्या फायदा
विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम कानूनी शिक्षा को अधिक सुलभ और उपयोगी बनाएगा. कानपुर विश्वविद्यालय के इस निर्णय से क्षेत्र के लॉ के छात्रों को लाभ मिलेगा और वे अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. इस बदलाव से कानपुर विश्वविद्यालय एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है और भविष्य में ये कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन सकता है.