असली किसानी तो ये है, 25 लाख की छोड़ दी नौकरी, अब हर साल 25 करोड़ का करता है कारोबार

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असली किसानी तो ये है, 25 लाख की छोड़ दी नौकरी, अब हर साल 25 करोड़ का करता है कारोबार


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आजमगढ़ में स्थापित ‘अभी मशरूम कंपनी’ में रोजाना 25 से 30 क्विंटल तक मशरूम का उत्पादन होता है. बात कर रहे हैं आजमगढ़ के सगड़ी तहसील क्षेत्र के रामनगर गांव के निवासी रवि सिंह की.

आजमगढ़ के मशरूम किंग.

आजमगढ़ः किसी ने सही ही कहा है कि कुछ बड़ा करने की इच्छा रखने वाला अपनी मेहनत और जज्बे के दम पर हमेशा दूसरों के लिए मिसाल बनता है. कुछ ऐसी ही कहानी है आजमगढ़ के रवि सिंह की, जिन्होंने 2001 में जापान में बतौर आईटी इंजीनियर 25 लाख के पैकेज की नौकरी ज्वाइन की थी, लेकिन अपने अंदर कुछ बड़ा करने की इच्छा रखने वाले रवि को ज्यादा दिन तक नौकरी की तनख्वाह रास नहीं आई. नौकरी छोड़ उन्होंने अपने गांव आ कर शुरू किया मशरूम का व्यापार और महज 3 सालों के अंदर बन गए यूपी के मशरुम किंग. किराए की जमीन पर शुरू किया हुआ मशरूम का यह व्यापार हर साल लगभग 25 करोड़ रुपए का व्यापार देता है. इस प्लांट से रोजाना 25 से 30 कुंतल तक मशरूम का उत्पादन होता है, जिसमें क़रीब 150 कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसकी सप्लाई न सिर्फ़ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार तक की जा रही है.

छोड़ दी 25 लाख की नौकरी

बात कर रहे हैं आजमगढ़ के सगड़ी तहसील क्षेत्र के रामनगर गांव के निवासी रवि सिंह की. हर आम आदमी की तरह इन्होंने भी पढ़ाई लिखाई पूरी करने के बाद नौकरी करने का मन बनाया और 2001 में जापान में बतौर आईटी इंजीनियर 25 लाख के पैकेज पर वहां नौकरी करने चले गए. लेकिन काम करते वक्त उनके दिमाग में हमेशा से कुछ बड़ा करने की इच्छा उन्हें शांत नहीं बैठने देती थी. वह अपने साथ-साथ अपने गांव अपने लोगों के लिए भी कुछ ऐसा करना चाहते थे, जिससे वह लोगों के लिए मिसाल बने. लिहाजा नौकरी से मिलने वाली तनख्वा उन्हें ज्यादा दिन तक रास नहीं आई और उन्होंने जापान की नौकरी छोड़ अपने वतन वापस आने का मन बनाया लिया.

2020 में शुरू की मशरूम की खेती

देश वापस लौटने के बाद उन्होंने कुछ दिन तक नेटवर्क मार्केटिंग में भी अपना जोर आजमाया. लेकिन उनके किस्मत की गाड़ी उन्हें कहीं और ले जाना चाहती थी. लिहाजा 2020 में उन्होंने मशरूम का व्यापार शुरू करने का मन बनाया और आजमगढ़ जिले में ही मशरूम उत्पादन का प्लांट स्थापित किया. शुरू में अपनी मेहनत और सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए उन्होंने तीन कमरे का मशरूम उत्पादन केंद्र शुरू किया. अपनी कड़ी मेहनत और जज्बे के बल पर महज 3 सालों के अंदर ही उन्होंने अपनी इस कंपनी को पहले पूर्वांचल और फिर अब उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी मशरूम मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में बदल डाला.

रोजाना 25-30 क्विंटल मशरूम का उत्पादन

आज उनके द्वारा आजमगढ़ में स्थापित ‘अभी मशरूम कंपनी’ में रोजाना 25 से 30 क्विंटल तक मशरूम का उत्पादन होता है. जो आजमगढ़ और सीमावर्ती इलाकों के साथ-साथ बिहार व कई अन्य राज्यों में भी सप्लाई किया जाता है. रवि सिंह बताते हैं की उनके इस मशरूम उत्पादन केंद्र के माध्यम से उन्होंने गांव और आसपास के लगभग 200 से अधिक महिलाओं और पुरुषों को रोजगार देने का भी काम किया है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने इस कंपनी को शुरू करने में 20 से 25 लख रुपए का इन्वेस्टमेंट किया था, जिसमें सरकार की योजनाओं का भी लाभ उन्हें प्राप्त हुआ था. धीरे-धीरे यह व्यापार बढ़ता गया और आज इससे सालाना 25 करोड रुपए तक का टर्नओवर होता है. मार्केट में मशरूम की कीमत प्रति किलो ₹250 से ₹300 होती है ऐसे में 25 से 30 क्विंटल प्रतिदिन के उत्पादन के हिसाब से रोजाना 5 से 6 लाख रुपए तक का व्यापार आसानी से हो जाता है.

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Prashant Rai

Prashant Rai is a seasoned journalist with over seven years of extensive experience in the media industry. Having honed his skills at some of the most respected news outlets, including ETV Bharat, Amar Ujala, a…और पढ़ें

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