आगरा का चमत्कारी शिव मंदिर! जहां दिन में 3 बार रंग बदलता है शिवलिंग, बेहद रोचक है रहस्य

Last Updated:
Agra Rajeshwar Mahadev Temple: वैज्ञानिकों के अनुसार, यह सूर्य की किरणों के प्रभाव से होता है. लेकिन भक्तों के लिए यह दिव्य अनुभूति है. यह शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है. जिसे लोग यहां का चमत्कार मानते है…और पढ़ें
आगरा राजेश्वर महादेव मंदिरः
हाइलाइट्स
- आगरा के राजेश्वर महादेव मंदिर में रंग बदलता है शिवलिंग
- करीब 900 साल से अधिक प्राचीन है राजेश्वर महादेव मंदिर
- राजेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने से हर मुराद पूरी होती है
यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही वजह है कि सावन के पहले सोमवार पर शमशाबाद रोड स्थित राजेश्वर महादेव मंदिर पर हर वर्ष मेला लगता है. यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है. बल्कि पुरानी मान्यताओं से भी जुड़ा है. सावन महीने में भक्तगण के दरबार में बेलपत्र और जल के साथ अपनी मनोकामना लेकर आते है. वहीं, मंदिर में शिवलिंग के दर्शन कर धन्य हो जाते हैं.
सुबह: शिवलिंग सफेद रंग में दिखाई देता है.
दोपहर: दोपहर की आरती के दौरान शिवलिंग हल्का नीला रंग ले लेता है.
शाम: शाम की आरती के दौरान शिवलिंग गुलाबी रंग में बदल जाता है.
मंदिर का इतिहास और महत्व
राजेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना लगभग 900 साल पहले हुई थी. मान्यता है कि इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग स्वयं स्थापित है. शिवलिंग को नर्मदा नदी से लाया गया था और इसे स्थापित करने के पीछे एक रोचक कथा है.
राजेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार को विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते है. भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. मंदिर में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती है.
सूर्य की किरणों का है प्रभाव
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह सूर्य की किरणों के प्रभाव से होता है. लेकिन भक्तों के लिए यह दिव्य अनुभूति है. यह शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है. जिसे लोग यहां का चमत्कार मानते हैं. दर्शन मात्र से मनोकामना पूरी होती है. यहां आने वाले भक्त और महंत ने बताया की अगर शिवलिंग के पास कोई पूजा सामग्री या जल लेकर नहीं आया है तो अगर वह दर्शन भी कर ले तो उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. यहां दिन में शिवलिंग के तीन रंग होते हैं, आने वाले भक्तों में इसको देखने के लिए बेचैन रहते हैं, वह चाहते हैं कि कैसे भी शिवलिंग के इस स्वरूप के दर्शन हो जाएं.
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. डिजिटल में 6 साल से ज्यादा का अन…और पढ़ें
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. डिजिटल में 6 साल से ज्यादा का अन… और पढ़ें