उल्टे पैर चलते हुए मक्का के खेतों में डाल दें 60 ग्राम ये दवा, खरपतवार हो जाएंगे छूमंतर

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उल्टे पैर चलते हुए मक्का के खेतों में डाल दें 60 ग्राम ये दवा, खरपतवार हो जाएंगे छूमंतर


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Maize Farming Tips : आलू और सरसों के की कटाई के बाद किसान मार्च में मक्के की बुवाई में लगे हुए हैं. मक्के के खेतों में खरपतवार बड़ी समस्या है. अगर किसान मक्के के बुवाई के बाद ये उपाय करें तो खरपतवार की समस्या से…और पढ़ें

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मक्का 

हाइलाइट्स

  • मक्का की बुवाई के 72 घंटे बाद पायरोक्सासल्फोन का छिड़काव करें.
  • 60 ग्राम पायरोक्सासल्फोन को 250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
  • खरपतवारनाशी का छिड़काव करते समय साइड या पीछे की ओर चलें.

शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश में आलू और सरसों की फसल के बाद किसान मक्का की फसल की बुवाई करते हैं. मक्का की फसल से किसानों को कम दिनों में अच्छा उत्पादन मिलता है लेकिन मक्का की फसल में खरपतवार भी तेजी के साथ बढ़ते है. जिनका बुवाई के समय ही अगर उचित प्रबंध करना जरूरी होता है. खरपतवार मुख्य फसल के पौधों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. जिससे उत्पादन प्रभावित हो जाता है. खरपतवारों को उगने से भी रोका जा सकता है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि खरपतवार पौधों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. जिससे पौधों को मिलने वाला पोषण, पानी और प्रकाश प्रभावित होता है. पौधों की बढ़वार प्रभावित होती है और 30% तक उत्पादन पर भी असर पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान बुवाई के वक्त ही खरपतवारनाशी पायरोक्सासल्फोन 85% डब्ल्यू.जी. (Pyroxasulfone 85% WG) का इस्तेमाल कर लें. जिससे खरपतवार को उगने से रोका जा सकता है और अगर खरपतवार उगते भी हैं तो वह सिंचाई के वक्त खुद ही मर जाते हैं.

कब करें दवा का छिड़काव?
खरपतवारनाशी पायरोक्सासल्फोन का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. मक्का की बुवाई के 72 घंटे के बाद पायरोक्सासल्फोन 85% दवा का इस्तेमाल करना चाहिए. 60 ग्राम पायरोक्सासल्फोन को 250 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें. छिड़काव करने से खरपतवार उगेंगे नहीं.

इन बातों का रखें ध्यान
खरपतवारनाशी पायरोक्सासल्फोन मिट्टी के ऊपर एक परत बना लेता है. जिसकी वजह से खरपतवार के बीज का जमाव नहीं हो पाता और अगर कोई खरपतवार उग भी आता है तो पहली सिंचाई के दौरान ही वह खुद मर जाता है. लेकिन जरूरी है कि मिट्टी के ऊपर बनी हुई परत ना टूट पाए, खरपतवारनाशी का छिड़काव करते समय किसानों को साइड की ओर चलना चाहिए या फिर पीछे की ओर छिड़काव करते हुए चलें.

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