कानपुर में हर दर्द का इलाज! PGI में खुला नया विभाग, दिल्ली जाने की जरूरत नहीं

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Kanpur News Today: कानपुर के जीएसवीएम पीजीआई में पेन मेडिसिन विभाग की शुरुआत हो गई है. यहां कैंसर, नसों और जोड़ों के दर्द का इलाज अब एक ही छत के नीचे संभव होगा. रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक से मरीजों को राहत मिलेगी…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- कानपुर के जीएसवीएम पीजीआई में पेन मेडिसिन विभाग की शुरुआत हो गई है.
- यहां कैंसर, नसों और जोड़ों के दर्द का इलाज अब एक ही छत के नीचे संभव होगा.
- रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक से मरीजों को राहत मिलेगी.
कानपुर: अब कानपुर के मरीजों को कैंसर, रीढ़ की हड्डी, नसों और जोड़ों के असहनीय दर्द के इलाज के लिए लखनऊ, दिल्ली या किसी बड़े प्राइवेट अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (PGI) में पेन मेडिसिन विभाग की शुरुआत हो चुकी है, जहां हर तरह के दर्द का इलाज एक ही छत के नीचे उपलब्ध है. इससे न सिर्फ मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा बल्कि उनकी जेब पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
नया पेन मेडिसिन विभाग उन मरीजों के लिए राहत की खबर लेकर आया है जो सालों से कैंसर, नसों की खिंचाव, रीढ़ की हड्डी में दर्द और गठिया जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. इस विभाग में ओपीडी सेवा के साथ-साथ मरीजों को जरूरत पड़ने पर भर्ती करके इलाज दिया जा रहा है. यह कानपुर के साथ-साथ बुंदेलखंड और आसपास के 18 जिलों के मरीजों के लिए बड़ी राहत है.
इलाज में हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल
इस विभाग में इलाज के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर के मुताबिक यह तकनीक दर्द को जड़ से खत्म करने में कारगर है. इससे न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपीडिक, न्यूरो सर्जरी और कैंसर के मरीजों को अब सस्ते और प्रभावी इलाज का विकल्प मिल गया है.
यहां जल्द ही पेन मेडिसिन में फैलोशिप कोर्स शुरू किया जाएगा. दो सीटों पर कोर्स शुरू होने से डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी और भविष्य में मरीजों को और भी ज्यादा विशेषज्ञता के साथ इलाज मिल सकेगा.
18 जिलों के मरीजों को मिलेगा फायदा
प्राचार्य प्रो. संजय काला के अनुसार, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से कानपुर समेत आस-पास के 18 जिलों के मरीज लाभान्वित होंगे. अभी तक ये मरीज बेहतर इलाज के लिए लखनऊ या दिल्ली जाते थे, लेकिन अब कानपुर में ही उन्हें उन्नत तकनीक और अनुभवी विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज मिल सकेगा.
सस्ते में होगा इलाज
सबसे बड़ी बात ये है कि अब मरीजों को महंगे निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भारी रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी. सरकारी अस्पताल में उपलब्ध आधुनिक तकनीक, सस्ते इंजेक्शन और इलाज की सुविधा के कारण मरीजों की जेब पर भार नहीं पड़ेगा.