कानपुर CMO की कुर्सी पर कब्जे की जंग! हाईकोर्ट के स्टे के बाद मचा बवाल

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कानपुर CMO की कुर्सी पर कब्जे की जंग! हाईकोर्ट के स्टे के बाद मचा बवाल


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Kanpur News: कानपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कुर्सी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. निलंबित CMO डॉ. हरिदत्त नेमी कोर्ट से स्टे लेकर ऑफिस लौटे, वहीं वर्तमान CMO डॉ. उदयनाथ भी मौजूद थे. विवाद इतना बढ़ गया कि…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • कानपुर में CMO की कुर्सी को लेकर तगड़ा विवाद खड़ा हो गया.
  • निलंबित CMO डॉ. हरिदत्त नेमी कोर्ट से स्टे लेकर ऑफिस लौटे.
  • वहीं वर्तमान CMO डॉ. उदयनाथ भी मौजूद थे.
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी कुर्सी को लेकर जोरदार घमासान मचा हुआ है. मामला था मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की कुर्सी का, जिस पर दो अधिकारियों ने एक साथ दावा ठोक दिया. एक तरफ थे निलंबित सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी, जिन्हें हाईकोर्ट से स्टे मिला था और वो वापस लौट आए, तो दूसरी तरफ थे वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ. इन्हें शासन ने हाल ही में नियुक्त किया था. दोनों का आमना-सामना जैसे ही CMO कार्यालय में हुआ, तो माहौल गरमा गया. देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस तक बुलानी पड़ी.

कुर्सी की लड़ाई से बढ़ा तनाव
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब मंगलवार को डॉ. हरिदत्त नेमी हाईकोर्ट से निलंबन पर स्टे लेकर सीएमओ दफ्तर पहुंचे और पुराने पद पर फिर से बैठ गए. कुछ देर बाद वहां डॉ. उदयनाथ भी पहुंच गए. जब उन्होंने देखा कि उनकी कुर्सी पर डॉ. नेमी बैठे हैं, तो वो हैरान रह गए और आसपास मौजूद लोगों के लिए रखी एक कुर्सी खींचकर उनके बगल में बैठ गए. यह दृश्य देखने लायक था. एक कुर्सी, दो अधिकारी और पूरे कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था. हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि मौके पर एसीपी और एसीएम को पहुंचना पड़ा.

शासन ने लिया बड़ा फैसला
स्थिति को बिगड़ता देख शासन ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए बुधवार को एक आदेश पत्र जारी किया. इसमें स्पष्ट किया गया कि डॉ. हरिदत्त नेमी अब सीएमओ के पद पर नहीं हैं और किसी भी दस्तावेज पर उनके हस्ताक्षर मान्य नहीं होंगे. साथ ही डॉ. उदयनाथ को ही कानपुर का वैध सीएमओ घोषित किया गया. इस आदेश के बाद अब तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है, लेकिन जो कुछ हुआ, उसने स्वास्थ्य विभाग की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं.

डीएम और सीएमओ के बीच पहले से चल रहा था विवाद
दरअसल, ये पूरा मामला सिर्फ कुर्सी तक सीमित नहीं है. पृष्ठभूमि में देखें तो यह विवाद डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और डॉ. नेमी के बीच पहले से चला आ रहा था. जब डीएम ने अस्पतालों का निरीक्षण किया तो कई अनियमितताएं पाईं और सीएमओ से कार्रवाई करने को कहा. लेकिन नेमी ने इसे टाल दिया. इस पर डीएम ने शासन को रिपोर्ट भेज दी और 19 जून को शासन ने डॉ. नेमी को निलंबित कर दिया. उन्हें लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया और उनकी जगह श्रावस्ती के एसीएमओ डॉ. उदयनाथ को कानपुर का सीएमओ बनाया गया.

कोर्ट से स्टे के बाद लौटे नेमी
सीएमओ पद से निलंबन के खिलाफ डॉ. नेमी ने कोर्ट में याचिका दायर की, जहां से उन्हें स्टे मिल गया. इसके बाद उन्होंने मंगलवार सुबह ऑफिस पहुंचे. वहीं, डॉ. उदयनाथ ने कहा कि वह सिर्फ शासन के आदेश का पालन कर रहे हैं. अब शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि कानपुर के सीएमओ उदयनाथ ही रहेंगे.

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