किसानों के लिए कमाई का मौका..इस घास को उगाने के मिल रहे पैसे, जानिए क्या है प्रक्रिया
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Agriculture News: यूपी के चित्रकूट जिले में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशु विभाग ने नेपियर घास योजना शुरू की है. चयनित किसानों को 4 हजार रुपये और 100 जड़ें मिलेंगी. यह बारहमासी घास सालभर उपलब्ध रहती है और पशुओं के लिए लाभकारी होने के साथ किसानों की अतिरिक्त आय का जरिया बनेगी.
यूपी के चित्रकूट जिले में पशुपालन को मजबूत करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में पशु विभाग लगातार नई योजनाएं लेकर आ रहा है. इसी कड़ी में अब जिले के किसानों के लिए एक ऐसी योजना शुरू की गई है, जो पशुओं को हष्ट-पुष्ट रखने के साथ-साथ अतिरिक्त आय का जरिया भी बनेगी. इस योजना के तहत किसानों को नेपियर घास की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसमें विभाग की ओर से आर्थिक मदद और घास की जड़ें किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी.
पूरे साल मिलेगी यह घास
बता दें कि चित्रकूट में भी बड़ी संख्या में किसान पशुपालन से जुड़े हैं, लेकिन पाठा क्षेत्र होने के कारण हरे चारे की कमी के कारण उन्हें अक्सर महंगा चारा खरीदना पड़ता है. इसे देखते हुए पशु विभाग ने नेपियर घास योजना की शुरुआत की है और यह घास पोषक तत्वों से भरपूर होती है और पशुओं के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है. खास बात यह है कि नेपियर घास बारहमासी होती है. यानी एक बार लगाने के बाद यह पूरे साल उपलब्ध रहती है. यह घास न सिर्फ घर के पशुओं के लिए उपयोगी है, बल्कि गौशालाओं में सप्लाई कर किसान अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं, जिले में संचालित गौशालाओं में हरे चारे की हमेशा जरूरत बनी रहती है, ऐसे में नेपियर घास किसानों के लिए एक स्थायी कमाई का जरिया बन सकती है.
घास लगाने पर 4 हजार की राशि
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कर्वी सुरेश कुमार पांडेय ने लोकल 18 को जानकारी में बताया कि नेपियर घास की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे एक बार लगाने के बाद 3 से 4 साल तक लगातार कटिंग की जा सकती है. यह घास 12 महीने उपलब्ध रहती है और दूध देने वाले पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद है.इसी को ध्यान में रखते हुए जिले को फिलहाल 5 किसानों का लक्ष्य दिया गया है, जिनका चयन एक समिति के माध्यम से किया जाएगा.चयनित किसानों को पशु विभाग की ओर से 4 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, साथ ही नेपियर घास की 100 जड़ें भी उपलब्ध कराई जाएंगी.
200 जड़ें देनी होगी वापिस
उन्होंने आगे की जानकारी में बताया कि योजना के तहत यह भी प्रावधान रखा गया है कि किसान एक साल बाद 100 जड़ों के बदले 200 जड़ें विभाग को वापस करेंगे, ताकि अन्य किसानों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सके.योजना में आवेदन करने के लिए किसानों को पशु चिकित्सालय से फॉर्म लेना होगा. आवेदन के साथ बैंक पासबुक की कॉपी, आधार कार्ड और खतौनी लगाना अनिवार्य होगा,पशु विभाग ने इसकी अंतिम तिथि एक सप्ताह निर्धारित की है.
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पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 में प्रिंट मीडिया से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों म…और पढ़ें