गांव का छोरा, टेक्नोलॉजी से करता है पशुपालन, हर महीने कमाता है मोटा पैसा…

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गांव का छोरा, टेक्नोलॉजी से करता है पशुपालन, हर महीने कमाता है मोटा पैसा…


गोरखपुर: जब उत्तर भारत गर्मी से बेहाल है, तापमान लगातार 40 डिग्री के पार जा रहा है और लोग घरों में कैद हैं ऐसे में गोरखपुर के एक छोटे से गांव नौव्वा अव्वल के किसान अवनीश यादव एक नई मिसाल पेश कर रहे हैं. जहां गर्मी में जानवरों की देखभाल चुनौती बन जाती है, वहीं अवनीश ने हाईटेक तकनीकों और समझदारी से अपनी डेयरी को इस तरह संवार लिया है कि अब वो न सिर्फ दूध उत्पादन में आगे हैं, बल्कि लाखों रुपये भी कमा रहे हैं. उनका फार्म आज आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है.

गांव से चल रही हाईटेक डेयरी की कहानी
गोरखपुर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर बसे अवनीश यादव के फार्म में गीर, साहिवाल, जर्सी, देसी और मिक्स नस्ल की कई गायें और भैंसें हैं. वह रोज करीब 100 लीटर दूध निकालते हैं, जिसे 60 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचते हैं. इससे उनका मासिक टर्नओवर लाखों रुपये तक पहुंच चुका है.

सबसे खास बात है उनकी फागर फुहारा तकनीक, जिसमें पंखों के साथ-साथ बारीक पानी की फुहारें छोड़ी जाती हैं. यह सिस्टम हर तीन मिनट पर फुहार छोड़ता है और फिर डेढ़ मिनट बंद रहता है. इससे गर्मी में भी शेड ठंडा रहता है और जानवर स्वस्थ रहते हैं.

हाईटेक मैट और रोग से बचाव
अवनीश ने जानवरों के बैठने के लिए हाईटेक मैट लगवाए हैं, जिससे थन की बीमारी जैसी समस्याओं से बचाव होता है. इसके अलावा, शेड की सफाई, चारे का सही मिश्रण, समय पर वैक्सीनेशन, सबकुछ एक व्यवस्थित तरीके से होता है.

अवनीश मानते हैं कि पशुपालन सिर्फ मेहनत नहीं, बल्कि तकनीक और समझदारी का भी काम है. वो खुद जानवरों की सेहत का रिकॉर्ड रखते हैं और डिजिटल तरीके से फार्म का प्रबंधन करते हैं.

गांव में बन रहे रोल मॉडल
आज अवनीश यादव न सिर्फ एक सफल किसान हैं, बल्कि ग्रामीण भारत में टेक्नोलॉजी-बेस्ड डेयरी मॉडल के रोल मॉडल बन गए हैं. उनका मानना है कि अगर किसान सही जानकारी, आधुनिक तकनीक और थोड़ी समझदारी से काम करें तो गांव में रहकर भी लाखों की कमाई कर सकते हैं.



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