गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलना, क्‍या ये एलआईयू का फेलियर नहीं है? पूर्व DGP ने बताए ऐसे गहरे राज, जो बयां करते हैं पुलिसिया लापरवाही की कहानी…

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गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलना, क्‍या ये एलआईयू का फेलियर नहीं है? पूर्व DGP ने बताए ऐसे गहरे राज, जो बयां करते हैं पुलिसिया लापरवाही की कहानी…


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Ghaziabad News : पूर्व डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि हर्षवर्धन जैन के खिलाफ हवाला कारोबार का एंगल भी सामने आया है. अब इस केस में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हो सकती है.

गाजियाबाद: कवि नगर इलाके में यूपी एसटीएफ ने फर्जी दूतावास का पर्दाफाश करते हुए नटवरलाल हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया. हर्षवर्धन अलग-अलग देशों की फर्जी एंबेसी चला रहा था और खुद को एंबेसडर बताकर लोगों को धोखा दे रहा था. उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने गाजियाबाद पुलिस पर कई सवाल खड़े किए हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने इस कार्रवाई के लिए एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश को बधाई दी, लेकिन साथ ही गाजियाबाद पुलिस पर पर भी गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि यह मामला एसटीएफ के बजाय लोकल पुलिस की जिम्मेदारी थी. जब कोई व्यक्ति पॉश एरिया में लंबे समय से खुद को राजदूत बताकर रह रहा था तो बीट पुलिसिंग और फुट पेट्रोलिंग कर रहे पुलिसकर्मियों को इस पर संदेह होना चाहिए था. यह लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की बड़ी चूक है.

लोकल इंटेलीजेंस यूनिट का फेलियर
वह कहते हैं कि एलआईयू की संरचना ही इसलिए की जाती है ताकि जिले के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय खुफ‍िया निगरानी रखी जा सके. हर क्षेत्र के लिए तय अधिकारी और कर्मचारी होते हैं, जिनका काम है फील्ड में जाकर जानकारी इकट्ठा करना, लेकिन जब ये टीम फील्ड में सक्रिय नहीं होती, तभी इस तरह की गंभीर गतिविधियां छिपी रह जाती हैं. ऐसा ही इस मामले में हुआ.. पुलिसकर्मियों के फील्ड पर न उतरने के कारण फर्जी एंबेसी चलाई जा रही थी.

यूपीएसटीएफ ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया
उन्‍होंने कहा कि इस मामले में अब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद भी ली जा रही है. यूपी एसटीएफ ने इंटरपोल के जरिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कराया है. इंटरपोल से सहयोग पाने की एक तय प्रक्रिया होती है. यूपी एसटीएफ जो राज्य पुलिस का हिस्सा है वह पहले राज्य सरकार के माध्यम से सीबीआई को सूचना देती है. सीबीआई भारत की नोडल एजेंसी है, जो इंटरपोल से संपर्क करती है. इसके जरिए आरोपी की अंतरराष्ट्रीय लेनदेन, विदेशी सहयोगी, हवाला नेटवर्क जैसी जानकारियां जुटाई जाती हैं. विदेश में मौजूद साथियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस और भारत में मौजूद लोगों पर लुकआउट नोटिस जारी किए जाते हैं ताकि वे देश छोड़कर भाग न सकें.

हवाला कारोबार पर ED की नजर
पूर्व डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि हर्षवर्धन जैन के खिलाफ हवाला कारोबार का एंगल भी सामने आया है. अब इस केस में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हो सकती है. पूर्व डीजीपी की मानें तो इतने हाई प्रोफाइल और सार्वजनिक रूप से चल रहे फर्जीवाड़े में आरोपी का जल्दी छूट पाना लगभग नामुमकिन है. फर्जी बोर्ड, महंगी गाड़ियां और वीआईपी स्टाइल में रहने वाला नटवरलाल हर्षवर्धन जैन अब सलाखों के पीछे है, लेकिन इससे गाजियाबाद पुलिसिंग सिस्टम पर गंभीर सवाल जरूर खड़े हो गए हैं.

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Sandeep KumarSenior Assistant Editor

Senior Assistant Editor in News18 Hindi with the responsibility of Regional Head (Uttar Pradesh, Uttarakhand, Bihar, Jharkhand, Rajasthan, Madhya Pradesh, Chhattisgarh, Himachal Pradesh, Haryana). Active in jou…और पढ़ें

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