चाहे बना लो बंदी… नहीं होने देंगे चकबंदी, झांसी में डीएम ऑफिस पर ग्रामीणों ने बोला हल्ला

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चाहे बना लो बंदी… नहीं होने देंगे चकबंदी, झांसी में डीएम ऑफिस पर ग्रामीणों ने बोला हल्ला


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Jhansi News : झांसी में चकबंदी का विरोध करते हुए किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया. कांग्रेसी नेता प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए. किसानों ने चेतावन…और पढ़ें

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धरना देते लोग 

हाइलाइट्स

  • झांसी में चकबंदी का विरोध, किसानों ने डीएम ऑफिस घेरा.
  • कांग्रेसी नेता प्रदीप जैन के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों का प्रदर्शन.
  • न्याय न मिलने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी.

झांसी : झांसी में चकबंदी का विरोध करते हुए किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया. सैकडों किसानों ने चकबंदी का विरोध करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर लिया. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि हम लोग किसी भी सूरत में ग्राम कचनेव में चकबंदी नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि चकबंदी से किसान बहुत परेशान हैं. वहीं, अपनी मांगों को लेकर किसान जिलाधिकारी कार्यालय में ही चिलचिलाती धूप में धरने पर बैठ गए.

सैंकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर जमकर नारेबाजी की. किसानों का नारा था कि चाहे डालो जेल में या बना लो बंदी, नहीं होने देंगे चकबंदी. पूर्व मंत्री बोले कि हम बुंदेलखंड के लोग हैं, जो एक बाप और एक बात वाले लोग मिलते हैं. किसानों के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया. उन्होंने बताया कि चकबन्दी अधिकारी ने समिति के अध्यक्ष व सदस्यों की सहमति के बिना चकबंदी रजिस्टर के बगैर अपनी मर्जी से दस्तावेज तैयार कर लिए, इन पर समिति के अध्यक्ष के हस्ताक्षर तक नहीं हैं.

नहीं हुआ इंसाफ तो होगा बड़ा आंदोलन
मांगों को लेकर किसानों ने नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर सड़क पर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. चिलचिलाती धूप में किसान सड़क पर ही बैठ गए. उनका कहना था कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह फिर यहां आएंगे और परिवार की महिलाओं और बच्चों को लेकर यहां बैठ जाएंगे.

किसानों ने दी चेतावनी
ज्ञापन में किसानों ने कहा कि चकबंदी दस्तावेज में पूरी जमीन नहर से सिंचित लिखी गई है, लेकिन किसी भी कृषक को चकों के लिए नाली, गूल या वाटर कैनाल नहीं दी गई है. पूरे कचनेव गांव में सिंचाई तालाब से होती है लेकिन केन-बेतवा लिंक परियोजना में गांव को शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने मांग की है कि यदि कचनेव गांव को चकबंदी मुक्त नहीं किया जाता है तो वह कलेक्ट्रेट में ही धरना देंगे.

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