चेहरे के दाग-धब्बों से हैं परेशान, अपनाएं ये आसान और सस्ता उपाय,

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चिकित्साधिकारी डॉ. वंदना उपाध्याय ने कहा कि इस पेस्ट को बनाने के लिए एक चम्मच चावल के आटे में एक चम्मच कच्चा दूध और एक चम्मच शहद मिलाना चाहिए. चाहें तो इसमें थोड़ा एलोवेरा जेल भी मिला सकते हैं. चेहरा धोने के बाद इस पेस्ट को हल्के हाथों से चेहरे पर लगाकर 10 से 15 मिनट तक छोड़ देना चाहिए
आजकल के समय में चेहरे पर डार्क पिगमेंटेशन या दाग-धब्बे आम समस्या बन गई है. महंगे पार्लर ट्रीटमेंट और ब्यूटी प्रोडक्ट्स के बावजूद भी कई बार इसका कोई स्थायी समाधान यानी निजात नहीं मिल पाता है. ऐसे में एक घरेलू नुस्खा बेहद कारगर साबित हो सकता है.

पिगमेंटेशन हटाने के लिए चावल के आटे से बना फेस पेस्ट एक शानदार और असरदार उपाय माना जाता है. इसमें प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा की रंगत को निखारने और काले धब्बों को हल्का करने में सहायता करते हैं.

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की पांच साल अनुभवी (एमडी मेडिसिन) चिकित्साधिकारी डॉ. वंदना उपाध्याय ने कहा कि, इस पेस्ट को बनाने के लिए एक चम्मच चावल के आटे में एक चम्मच कच्चा दूध और एक चम्मच शहद मिलाना चाहिए. चाहें तो इसमें थोड़ा एलोवेरा जेल भी मिला सकते हैं.

चेहरा धोने के बाद इस पेस्ट को हल्के हाथों से चेहरे पर लगाकर 10 से 15 मिनट तक छोड़ देना चाहिए. इसके बाद सामान्य पानी से धो लेना चाहिए. इसके बाद कोई अच्छा मॉइश्चराइज़र और सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

इस पेस्ट को एक सप्ताह में दो से तीन बार लगाना चाहिए. इसका रोजाना इस्तेमाल करने से कुछ ही हफ्तों में चेहरे की रंगत में बदलाव नजर आने लगता हैं. पहली बार के इस्तेमाल में ही आपको हल्का फर्क दिखने लगेगा.

चावल के आटे में एंटी-पिगमेंटेशन गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा के दाग-धब्बों को हल्का करने के साथ ही, शहद में एंटी-टैनिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो त्वचा की रंगत को निखारती और सुंदर बनाती है.

उक्त पेस्ट में पड़ने वाले कच्चे दूध में लैक्टिक एसिड पाया जाता है, जो त्वचा से डार्क स्पॉट को हटाने में मदद करता है. वहीं एलोवेरा जेल त्वचा को ठंडक और नमी प्रदान करता है, जिससे स्किन सॉफ्ट और साइनिंग दिखती हैं.

अगर आप चाहें तो चावल के आटे से बने कस्टमाइज्ड साबुन बाजार से खरीदकर इस्तेमाल कर सकते हैं. यह भी पिगमेंटेशन को कम करने में मददगार होता है. नियमित इस्तेमाल से 20 साल पुरानी पिगमेंटेशन भी हल्की होने लगती है. किन्हीं परिस्थितियों में यह हानिकारक भी हो सकता है, इसलिए आयुर्वेद एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.