जंजीर से क्यों बांधा जाता है ट्रेन का इंजन? क्या है इसके पीछे का सीक्रेट, 99% लोग नहीं होंगे जानते

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Agra Latest News: भारत में हर रोज 50 प्रतिशत से अधिक लोग ट्रेन में सफर करते हैं. लेकिन बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि ट्रेन के इंजन को आखिर चेन से क्यों बांधा जाता है.
चैन से बंधा इंजन ।
आगरा. अब तक आपने कार, स्कूटर, बाइक या साइकिल के पहिए में चेन फंसी देखी होगी, लेकिन अगर आप रेलवे के पावरफुल इंजनों को एक छोटी सी चेन से बंधा देखें, तो जरूर आपके मन में सवाल उठेगा. आखिर इतने भारी-भरकम इंजन को क्यों बांधा गया है? क्या इसकी चोरी हो सकती है? या इसके पीछे कोई और बड़ी वजह है? ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला आगरा के ईदगाह रेलवे स्टेशन पर, जहां एक खड़ी ट्रेन के इंजन को लोहे की चेन और ताले से बांधा गया था. जब इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात की गई, तो जो वजह सामने आई, वह हैरान करने वाली थी.
आगरा रेल मंडल की प्रवक्ता प्रो. प्रशस्ति श्रीवास्तव के अनुसार, जब इंजन या यात्री गाड़ियां रेलवे ट्रैक पर खड़ी रहती हैं, तो सुरक्षा के लिहाज से उनके पहियों को जंजीरों से बांध दिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इंजन अनजाने में आगे या पीछे न खिसक जाए. दरअसल, कई बार खड़े इंजनों के पास से दूसरी ट्रेनें तेज रफ्तार में गुजरती हैं, जिससे कंपन होता है. इस कंपन के चलते खड़ा इंजन अपनी जगह से थोड़ा खिसक सकता है, जिससे दुर्घटना का खतरा बन सकता है. ऐसे में इंजन को लोहे की चेन से पटरी से बांध दिया जाता है ताकि वह हिल न सके. ऐसे लोको पायलट के द्वारा बांधा जाता है.
अंग्रेजों के जमाने से जारी है यह नियम!
रेलवे कर्मचारियों के मुताबिक, यह नियम ब्रिटिश काल से चला आ रहा है. जब किसी ट्रेन या मालगाड़ी को लंबे समय तक लूप लाइन पर खड़ा करना होता है, तो उसके आगे और पीछे के पहियों को चेन और ताले से बांध दिया जाता है. साथ ही, पहिए के नीचे लकड़ी का टुकड़ा भी लगाया जाता है ताकि वह स्थिर बना रहे.
न्यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि.
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