जिस आलिशान महल से छांगुर बाबा बेटियों को बनाता था मुस्लिम, उसका ऐसा हुआ हश्र

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UP Illegal Conversion Racket: यूपी में हिंदू बेटियों और युवतियों को मुसलमान बनाने वाले जलालउद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के आलीशान कोठी को मिट्टी में मिला दिया गया. जिस आलिशान महल से वह यह रैकेट चला रहा था उसका हश्र देख उसके अन्य साथियों की रूह कांप जाएगी.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण रैकेट के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की आलीशान कोठी को जिला प्रशासन ने पूरी तरह मिट्टी में मिला दिया. इस कोठी को छांगुर बाबा ने अपने गैरकानूनी धर्मांतरण के साम्राज्य का केंद्र बनाया था, जहां से वह हिंदू लड़कियों और युवतियों को निशाना बनाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाता था. बुलडोजर कार्रवाई का यह अभियान तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा, जिसने न केवल छांगुर बाबा के काले कारनामों की नींव हिला दी, बल्कि उसके गैंग के अन्य साथियों के लिए भी कड़ा संदेश दे दिया.

बलरामपुर के उतरौला थाना क्षेत्र के मधुपुर गांव में स्थित छांगुर बाबा की यह कोठी 3 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी. इसकी कीमत करीब 3 करोड़ रुपये आंकी गई थी. कोठी में आलीशान टाइल्स, आयातित मार्बल, 15×15 फीट का आधुनिक किचन, शानदार सोफे, आयातित फर्नीचर, 10 सीसीटीवी कैमरे, 500 मीटर का निजी ड्राइववे और बिजली से लैस परिधि दीवार थी, जो इसकी भव्यता को दर्शाती थी. जिला प्रशासन ने मंगलवार से शुरू की गई कार्रवाई में 10 बुलडोजरों की मदद से इस अवैध निर्माण का 75% हिस्सा पहले ही ध्वस्त कर दिया था. गुरुवार को शेष 25% हिस्से को भी ढहा दिया गया.

जांच में पता चला कि यह कोठी छांगुर बाबा की करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जो भी इस मामले में सह-आरोपी है. मई 2025 में प्रशासन ने नीतू को इस संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन जवाब न मिलने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशाल पांडे ने बताया कि मधुपुर गांव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत के बाद जांच में अवैध निर्माण की पुष्टि हुई थी.

छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन, जो हाजी पीर जलालुद्दीन और करीमुल्लाह शाह जैसे नामों से भी जाना जाता था, ने बलरामपुर के मधुपुर में पिछले कई वर्षों से अवैध धर्मांतरण का नेटवर्क संचालित किया. यूपी एटीएस ने 5 जुलाई 2025 को लखनऊ के एक होटल से छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था. जांच में खुलासा हुआ कि इस रैकेट ने 3000 से 4000 हिंदुओं को निशाना बनाया, जिनमें 1500 से अधिक हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया गया.

एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश के अनुसार, यह संगठित गिरोह विभिन्न जातियों के आधार पर धर्मांतरण के लिए रेट तय करता था. ब्राह्मण, क्षत्रिय या सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये, पिछड़ी जातियों की लड़कियों के लिए 10-12 लाख रुपये और अन्य जातियों की लड़कियों के लिए 8-10 लाख रुपये की राशि दी जाती थी. गरीब, असहाय और कमजोर वर्ग की महिलाओं को धन, नौकरी या शादी का लालच देकर या धमकियों के जरिए धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता था.

जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा के नेटवर्क को खाड़ी देशों से करीब 100 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग प्राप्त हुई थी, जो 40 से अधिक बैंक खातों में जमा की गई थी. छांगुर बाबा ने 40-50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की थी, जिससे उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की पुष्टि होती है. इस रैकेट ने मुंबई और दुबई तक अपने जाल को फैलाया था. एक मामले में, लखनऊ की गुंजा गुप्ता को अबू अंसारी ने ‘अमित’ बनकर प्रेम जाल में फंसाया और छांगुर बाबा की दरगाह ले जाकर उसका धर्मांतरण करवाया, जिसके बाद उसका नाम अलीना अंसारी रखा गया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “जलालुद्दीन के कृत्य न केवल समाज विरोधी, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं. ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.” उन्होंने इस रैकेट को सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए दोषियों की संपत्तियों को जब्त करने और कड़ी कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया है.