ट्रंप टैरिफ से लगा झटका, लेदर से इलेक्ट्रॉनिक्स तक…यूपी के टॉप 8 शहरों का निर्यात 31 फीसदी तक गिरा, साल 2025 बना सबसे कठिन
कानपुर: उत्तर प्रदेश के निर्यातकों के लिए साल 2025 अब तक बेहद मुश्किल भरा साबित हो रहा है. साल 2024-25 में यूपी ने 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निर्यात किया था, जिससे यह उम्मीद की जा रही थी कि आने वाले वर्षों में कारोबार और तेज़ी से बढ़ेगा. लेकिन अमेरिकी टैरिफ लागू होने के बाद हालात पूरी तरह बदल गए हैं. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अगस्त 2025 के बीच यूपी के टॉप-8 निर्यातक शहरों में 25 से 31 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है.
इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण अमेरिका से आने वाले ऑर्डर्स में कमी मानी जा रही है. FIEO के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव के अनुसार, साल 2024-25 में यूपी के कुल निर्यात का करीब 19 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका को जाता था. इसके बाद यूके, यूएई, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश यूपी के प्रमुख निर्यात बाजार थे. अप्रैल 2025 से जैसे ही अमेरिकी टैरिफ लागू हुए, ऑर्डर घटने लगे और निर्यात का ग्राफ तेजी से नीचे चला गया.
टॉप-8 शहरों में निर्यात के आंकड़े (करोड़ रुपये में)
नोएडा – 90,325.33
गाजियाबाद – 14,077.00
कानपुर – 9,863.32
मुरादाबाद – 10,352.80
आगरा – 7,509.08
अलीगढ़ – 7,184.20
भदोही – 4,907.12
उन्नाव – 4,608.45
साल 2025 में निर्यात स्थिति (जनवरी–अगस्त)
नोएडा – 67,442.76
गाजियाबाद – 11,424.36
कानपुर – 7,380.54
मुरादाबाद – 7,184.06
आगरा – 5,778.82
अलीगढ़ – 4,903.30
भदोही – 3,780.93
उन्नाव – 3,571.24
किस जिले से जाते हैं कौन-कौन से प्रमुख उत्पाद
नोएडा: इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, मोबाइल एक्सेसरीज, मोबाइल इक्विपमेंट, लैपटॉप
गाजियाबाद: अपैरल, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट्स, ऊनी कपड़े, परदे
कानपुर: लेदर, इंजीनियरिंग गुड्स, टेक्सटाइल, केमिकल्स, प्लास्टिक उत्पाद
मुरादाबाद: ब्रासवेयर, हैंडीक्राफ्ट, मेटल उत्पाद
उन्नाव: लेदर गुड्स, रॉ हाइड, फिनिश्ड हाइड, शू अपर
आगरा: लेदर फुटवियर, स्टोन, इंजीनियरिंग गुड्स, मार्बल
अलीगढ़: हार्डवेयर, आयरन एंड स्टील, लॉक उद्योग के उत्पाद
भदोही: कारपेट, बाथमैट, डोरमैट, रग्स, फ्लोर कवरिंग
लेदर उद्योग को सबसे बड़ा झटका
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के क्षेत्रीय अध्यक्ष असद इराकी का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ से लेदर उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. अब निर्यातक अमेरिका पर निर्भर रहने के बजाय दूसरे देशों में नए बाजार तलाश रहे हैं.
नए बाजारों से जुड़ी उम्मीद
लेदर कारोबारी प्रेरणा वर्मा बताती हैं कि 2024 में जहां काम की भरमार थी, वहीं 2025 में कारोबार काफी धीमा हो गया है. वहीं, आईआईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य का कहना है कि अगर सरकार नए देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा दे और निर्यातकों को राहत दे, तो यूपी का निर्यात एक बार फिर पटरी पर लौट सकता है.