ठगों का ‘बाप’ है कानपुर का ये युवक… चक्कर में साइबर अपराधी बने घनचक्कर! पुलिस ने बनाया ब्रांड एंबेसडर

Last Updated:
Kanpur Cyber Fraud : युवक के इस खेल में उसकी पत्नी उसकी मां बनी और उसका दोस्त उसका पिता बनकर साइबर ठग से बात करते रहे और ठग उनके बिछाए जाल में फंसता चला गया.
डीजीपी ने किया सम्मानित
हाइलाइट्स
- भूपेंद्र ने साइबर ठग से 10 हजार रुपये ठगा.
- कानपुर पुलिस ने भूपेंद्र को ब्रांड एंबेसडर बनाया.
- भूपेंद्र की सूझबूझ से साइबर ठग फंस गया.
कानपुर. बदलते दौर में सब कुछ बदल रहा है. चोरी करने के तौर तरीके भी बदल गए हैं. ताला काटने वाली चोरियां कम होती जा रही हैं और इंटरनेट के जरिए चपत लगाने का बाजार गर्म है. आए दिनों साइबर ठगी के मामले सामने आते रहते हैं. लोगों का आसानी से साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसकर अपनी जमा पूंजी गंवाना पुराने जमाने में जेब कटने वाली घटनाओं की तरह आम हो गया है. पिछले दिनों यूपी के कानपुर महानगर में एक अनूठा केस सामने आया, जिसका चर्चा पूरे देश में हो रही है. एक युवक ने अपनी सूझबूझ से साइबर ठग को ही चकमा देकर उससे 10 हजार रुपये ठग लिए.
कानपुर के भूपेंद्र संभवता देश के ऐसे इकलौते युवा बन गए हैं जिन्होंने साइबर ठग को ही ठग लिया. ठग अब अपने पैसे वापस पाने के लिए गिड़गिड़ा रहा है. आमतौर पर साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को शिकार बनाकर उनसे लाखों रुपये लूटते रहे हैं, लेकिन इस बार कहानी कुछ अलग रही.
ऐसे शुरू हुआ खेल
कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले भूपेंद्र सिंह को एक अनजान नंबर से कॉल आया. फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और आरोप लगाया कि भूपेंद्र ने इंटरनेट पर आपत्तिजनक सामग्री देखी है. कॉलर ने धमकी दी कि अगर उन्होंने मामला निपटाने के लिए 16 हजार रुपये नहीं दिए, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. भूपेंद्र पहले भी साइबर ठगी के बारे में सुन चुके थे, इसलिए उन्होंने ठग को ही जाल में फंसाने की योजना बनाई. उन्होंने मासूम बनने का नाटक करते हुए कहा कि वे किशोर उम्र के हैं और उनके पास पैसे नहीं हैं.
ठग से ठगी का तरीका
भूपेंद्र ने ठग से कहा कि उनके पास एक सोने की चेन है जिसे बेचकर वे पैसे जुटा सकते हैं, लेकिन वो चेन गिरवी है जिसे छुड़ाने के लिए 3,000 रुपये चाहिए. लालच में आकर ठग ने तुरंत पैसे भेज दिए. इसके बाद भूपेंद्र ने अलग-अलग बहाने बनाकर कई किस्तों में ठग से 10 रुपये अपने खाते में मंगवा लिए. भूपेंद्र के इस खेल में उनकी पत्नी उनकी मां बनी और उनका दोस्त उनका पिता बनकर साइबर ठग से बात करते रहे और ठग उनके झांसे में फंसता चला गया.
जब एहसास हुआ
जब ठग को एहसास हुआ कि वो धोखा खा चुका है तो उसने भूपेंद्र से अपने पैसे वापस मांगे. उसने रोते हुए कहा, “भाई, मेरे पैसे लौटा दो. मुझे अपने बच्चों के लिए होली की खरीदारी करनी है.” अब वो भूपेंद्र से 16 रुपये रिश्वत न मांगने की बजाय बल्कि खुद के 10 हजार रुपये मांगने की गुहार लगा रहा है.
ऐसे शुरू हुआ खेल
आपको बता दें कि भूपेंद्र मीडिया से जुड़े है जिस वजह से उन्हें इस तरीके की ठगी के बारे में पहले से जानकारी थी. जब ठग ने कॉपी भेजी तब उसने गूगल लेंस के इस्तेमाल से उसे चेक किया जिसके जरिए उसे पता चला कि यह एक फर्जी पेपर है. इसके बाद उसने सोचा चलो इसको थोड़ा कनपुरिया मिजाज से परेशान करते हैं और फिर उसने एक बच्चे की तरीका एक्टिंग करते हुए उसको अपने जाल में फसाना शुरू किया और ठग सोने की चैन के लालच में जाकर उसके जाल में फंसता चला गया.
पुलिस ने बनाया ब्रांड एंबेसडर
भूपेंद्र की इस जागरूकता के चलते उनकी चर्चा अब देशभर में हो रही है. कानपुर पुलिस ने उनको अब साइबर ठगी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए अपना ब्रांड एंबेसडर बना लिया है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने उनको प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है.