डूबते जहाज से मिला था, मेरठ के इस उद्योग का आईडिया, 135 साल से विश्व में अलग पहचान बनाए हैं मेरठ का यह उद्योग

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डूबते जहाज से मिला था, मेरठ के इस उद्योग का आईडिया, 135 साल से विश्व में अलग पहचान बनाए हैं मेरठ का यह उद्योग


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मेरठ का बैंड बाजा उद्योग विश्व में अपनी एक विशेष पहचान रखता है. वर्ष 1885 से आज तक क्वालिटी की बदौलत हर जगह मेरठ से बने बैंड बाजे से संबंधित इंस्ट्रूमेंट की कॉफी डिमांड देखने को मिलती है.

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बैंड बाजा

हाइलाइट्स

  • मेरठ का बैंड बाजा उद्योग विश्व में प्रसिद्ध है.
  • 1885 में शुरू हुआ मेरठ का बैंड बाजा उद्योग.
  • मेरठ के बैंड बाजे की धुनें 100 देशों में गूंजती हैं.

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ की बात करें तो मेरठ को हर कोई स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर जानता है, लेकिन मेरठ का बैंड बाजा उद्योग भी विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान रखता है. वर्ष 1885 में अंग्रेजों के जमाने में शुरू हुआ यह कारोबार आज भी अपनी क्वालिटी के बदौलत विश्व में अलग पहचान बनाए है. ऐसे में लोकल-18 की टीम ने भी इसका जायजा लिया.

डूबते जहाज से मिला कारोबार को सहारा

नादिर अली एंड कंपनी के वर्तमान समय के मैनेजिंग डायरेक्टर फैज आफताब बताते हैं कि उनके दादा ब्रिटिश शासन में बैंड मास्टर के तौर पर कार्य करते थे. एक बार ब्रिटिश शासन का जहाज पानी में डूब गया था, जिसमें बैंड बाजे से संबंधित विभिन्न प्रकार के उपकरण मौजूद थे. ऐसे में उन्होंने डूबते जहाज के जो उपकरण थे उन्हें काफी सस्ते दामों में खरीद कर उनको ठीक करने के बाद काफी महंगे दामों में बिक्री किया. उसी से उन्हें इस कारोबार करने की प्रेरणा मिली. इसके बाद एक कमरे इस उद्योग की शुरुआत हुई और वर्ष 1885 से लेकर अब तक सऊदी अरब, अमेरिका, कतर, इंग्लैंड, दुबई सहित
विश्व के लगभग 100 देश की आर्मी सहित अन्य कार्यक्रमों में मेरठ की नादिर अली एंड कंपनी की बैंड की गूंज सुनने को मिलती है.

वैवाहिक कार्यक्रम में घूंजती है मेरठ के बैंड की धुन

फैज आफताब बताते हैं कि कन्याकुमारी से लेकर जम्मू कश्मीर तक आपको वैवाहिक कार्यक्रमों के साथ अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में मेरठ की बैंड की गूंज सुनने को मिलेगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हजारों की संख्या में लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं. यहीं नहीं भारतीय आर्मी में भी 1995 तक मेरठ के भी बैंड जाते थे,  लेकिन उसके बाद बाहर से इन इक्विपमेंट को प्राथमिकता दी गई. लेकिन वर्तमान सरकार एक बार फिर से मेरठ के बैंड बाजे को आगे बढ़ने का कार्य कर रही है. उसे उम्मीद है की मेरठ के बैंड का बाजा फिर आर्मी की बैड में शामिल हो.  इसी के साथ हर राज्य की पुलिस में मेरठ का बैंड बाजा ही बजता है.

बताते चलें कि मेरठ में तबला, बांसुरी, ब्रास बैंड, ढोलक, सारंगी, हारमोनियम, मंजीरा, मृदंग, सहित विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट शामिल है. बताते चलें कि मेरठ के जली कोठी क्षेत्र में आपको बैड बाजे उद्योग से संबंधित बड़ी संख्या में लोग दिखाई देंगे.

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