तराई का जंगल या स्वर्ग? बाघ, सांप, हिरण, कछुओं के मामले में नंबर 1, बस इन जानवरों की कमी

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World Wildlife Day: उत्तर प्रदेश का पिलीभीत टाइगर रिजर्व किसी जंगल से कम नहीं है. वैसे तो पीटीआर बाघों के लिए फेमस है लेकिन यहां सांपों की 14, हिरण की 5, पक्षियों की 350, और पेड़-पौधों तथा घास की 100 से अधिक प्र…और पढ़ें
सांकेतिक फोटो.
हाइलाइट्स
- पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 72 से अधिक बाघ हैं.
- यहां सांपों की 16 और कछुओं की 12 प्रजातियां पाई जाती हैं.
- पीलीभीत में 350 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां हैं.
पीलीभीत. वैसे तो उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के लिहाज़ से सबसे अधिक मुफ़ीद माना जाता है. लेकिन बीते कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में तराई के जंगल प्रदेश की सबसे फेमस इको टूरिज्म डेस्टिनेशन बनकर उभरे हैं. जिसकी सबसे प्रमुख वजह है तराई के जंगलों की जैव विविधता, जिसके दीदार के लिए दूर दराज़ के पर्यटक यहां पहुंचते हैं. अधिकांश लोग पीलीभीत टाइगर रिजर्व को केवल बाघों के लिए जानते हैं. लेकिन तराई का यह संपन्न जंगल न केवल बाघों बल्कि सैकड़ों प्रजाति के जंगली जानवरों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है.
आंकड़ों पर गौर करें तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 72 से भी अधिक बाघ मौजूद है. हालांकि गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार बाघों की संख्या 100 से अधिक है. पीलीभीत टाईगर रिजर्व में बाघ के साथ ही साथ तेंदुआ, भालू, हिरन् की 5 प्रजातियां जिसमें सांभर, बारहसिंघा, कांकर, चीतल, पाडा भी पाए जाते हैं वहीं मृग की प्रजातियां चौसिंघा, कृष्णमृग, नीलगाय, सहित तमाम जंगली जानवर यहां देखने को मिलते है. इसके अलावा यहां पेड़-पौधों और घास की 100 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है.
पक्षी और तितलियों का भी खूबसूरत संसार
पीलीभीत टाईगर रिजर्व में पक्षियों की प्रजातियों की संख्या 350 से भी अधिक है. लोकल 18 से बातचीत के दौरान पक्षी विशेषज्ञ तथा टरक्वाइज वाइल्डलाइफ सोसायटी के अध्यक्ष अख्तर मियां ने बताया कि जब उन्होंने पीलीभीत के जंगलों में अध्ययन शुरू किया था उस समय 326 पक्षियों की प्रजातियां मिली थी. आज यह आंकड़ा 350 तक पहुंच गया है, यही नहीं पक्षियों के अलावा यहां तितलियों की भी 90 प्रजातियां पाई जाती हैं.
इन 2 जानवरों की कमी
पीलीभीत के जंगल में सांपों की 16, कछुओं की 12 प्रजातियां पाई जाती है. गौरतलब है कि यूपी में कछुओं की 14 प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें से अधिकांश पीलीभीत में देखी गई है. ऐसे में कछुओं के मामले में भी पीलीभीत अव्वल है. पीलीभीत में केवल 2 प्रजातियां हाथी और गेंडा नहीं मौजूद है. लेकिन पडोसी देश नेपाल और दुधवा राष्ट्रीय उद्यान से यह दोनों वन्यजीव यहां भ्रमण करने आते है. वर्तमान में भी दो हाथियों का एक झुंड पिछले एक महीनें से पीलीभीत के जंगल और जंगल से सटे गांवों में प्रवास कर रहा है. ऐसे में इन दोनों प्रजातियों की मौजूदगी भी साल में किसी न किसी समय पीलीभीत टाइगर रिजर्व में दर्ज की जाती है.
प्राकृतिक रुप से समृद्ध है पिलीभीत का जंगल
अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि पीलीभीत के जंगल प्राकृतिक रुप से समृद्ध हैं. वन्यजीवों के साथ अब संघर्ष के स्थान पर सह-अस्तित्व की प्रक्रिया को अपनाकर ही प्राकृतिक संतुलन बनाया जा सकता है. पीलीभीत के निवासियों की जिम्मेदारी बनती है कि वन और वन्यजीवों को संरक्षित करने में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष योगदान करें.
Pilibhit,Uttar Pradesh
March 03, 2025, 14:58 IST