थाने की जमीन पर सपा के पूर्व MLA ने बनवा दी थी मजार, प्रशासन ने चलाया बुलडोजर

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थाने की जमीन पर सपा के पूर्व MLA ने बनवा दी थी मजार, प्रशासन ने चलाया बुलडोजर


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Balrampur News: 2013 में समाजवादी पार्टी के विधायक आरिफ अनवर हाश्मी ने थाना सादुल्लानगर परिसर की जमीन पर अवैध कब्जा कर वहां मजार का निर्माण करवा दिया था. 12 साल की कानूनी लड़ाई के बाद जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया.

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Balrampur News: बलरामपुर में थाने की जमीन से हटाई गई मजार
बलरामपुर. जनपद बलरामपुर के थाना सादुल्लानगर परिसर में भू-माफियाओं द्वारा अवैध रूप से बनाए गए मजार को प्रशासन ने ध्वस्त कर सरकारी भूमि को कब्जा-मुक्त करा लिया. थाना परिसर स्थित गाटा संख्या 696, रकबा 2.16 एकड़ भूमि वर्षों से सरकारी अभिलेखों में थाना भूमि के रूप में दर्ज थी, लेकिन वर्ष 2013 में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने कथित रूप से इस भूमि पर अवैध कब्जे की साजिश रची. उन्होंने अपने भाई मारूफ अनवर हाशमी को ‘मजार प्रबंधक’ घोषित करते हुए 0.18 एकड़ भूमि को फर्जी कागजातों के माध्यम से “मजार शरीफ बाबा सहीदे मिल्लत अब्दुल कुद्दूश शाह रहमतुल्लाह अलैह” के नाम दर्ज करा लिया. इस अवैध नामांतरण के बाद भू-माफिया ने सरकारी भूमि पर एक भव्य मजार का निर्माण भी करा दिया.

मामले की जानकारी होते ही तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा वाद दायर किया गया और पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते उपजिलाधिकारी उतरौला ने 19 मार्च 2024 को महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए 2013 में किया गया नामांतरण निरस्त कर दिया और गाटा संख्या 696 को पुनः थाना सादुल्लानगर के नाम अभिलेखों में दर्ज कराया गया. इसके बाद वर्ष 2024 में थानाध्यक्ष सादुल्लानगर ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी भूमि हड़पने के मामले में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी, उसके भाई मारूफ अनवर हाशमी सहित अन्य सहयोगियों के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468, 471, 120B तथा गैंगस्टर अधिनियम की धारा 2/3 के तहत गंभीर अभियोग पंजीकृत कराया.

मजार समिति की अपील हुई थी ख़ारिज

भूमि कब्जे और नामांतरण निरस्तीकरण के विरुद्ध तथाकथित मजार समिति ने आयुक्त देवीपाटन मंडल में अपील दायर की, लेकिन थानाध्यक्ष द्वारा की गई प्रभावी पैरवी के आधार पर आयुक्त ने 28 नवंबर 2025 को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद वाद को पूरी तरह निरस्त कर दिया और सभी स्थगन आदेश वापस लेते हुए फाइल को अवर न्यायालय को भेज दिया. न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद थानाध्यक्ष सादुल्लानगर ने अवैध मजार को हटाने हेतु तहसीलदार उतरौला को प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर तहसीलदार ने 28 नवंबर 2025 को बेदखली और क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया. विपक्षियों को नोटिस देकर दो दिन का समय दिया गया, लेकिन उन्होंने आदेश का अनुपालन नहीं किया.

12 वर्ष बाद कब्ज़ा मुक्त हुआ थाना

जिसके बाद 1 दिसंबर 2025 को राजस्व और पुलिस टीम की मौजूदगी में प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर पूरे अवैध मजार को ध्वस्त कर दिया तथा मलबे को सरकारी तालाब में दफन करा दिया. इस कार्रवाई के साथ भू-माफियाओं द्वारा 12 वर्ष से कब्जाई गई सरकारी थाना भूमि को पूर्ण रूप से मुक्त करा लिया गया. प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर की गई यह कार्रवाई जिले में भू-माफियाओं के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति का सशक्त उदाहरण मानी जा रही है.

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Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाता

अमित तिवारी, News18 Hindi के डिजिटल विंग में प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट हैं. वर्तमान में अमित उत्तर प्रदेश की राजनीति, सामाजिक मुद्दों, ब्यूरोक्रेसी, क्राइम, ब्रेकिंग न्यूज और रिसर्च बेस्ड कवरेज कर रहे हैं. अख़बार…और पढ़ें

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