दशकों से गंदगी झेल रही जीवनदायिनी तमसा की लौट रही है चमक!

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दशकों से गंदगी झेल रही जीवनदायिनी तमसा की लौट रही है चमक!


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Azamgarh News: आजमगढ़ की तमसा नदी दशकों से गंदगी का दंश झेल रही थी, लेकिन अब प्रदेश सरकार के सफाई अभियान से इसकी पौराणिक चमक लौट रही है. अगले 6 महीने में तमसा की तस्वीर बदल जाएगी.

हाइलाइट्स

  • तमसा नदी की सफाई अभियान शुरू हुआ.
  • तमसा नदी की पौराणिक चमक लौट रही है.
  • अगले 6 महीने में तमसा की तस्वीर बदल जाएगी.
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ ज़िला सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विरासत या धार्मिक स्थलों के लिए ही नहीं, बल्कि नदियों की भूमि कहे जाने के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां लगभग 15 से अधिक छोटी-बड़ी नदियां बहती हैं, और तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों पर इन नदियों का संगम होता है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण नदी मानी जाती है तमसा, जो जिले को तीनों छोरों से घेरती है और सालों से आजमगढ़वासियों की जीवनदायिनी बनी हुई है.

लेकिन तमसा नदी पिछले कई दशकों से गंदगी, कचरे और अतिक्रमण की वजह से बदहाल होती जा रही थी. कई हिस्सों में यह नदी किसी नाले जैसी दिखाई देने लगी थी. हालांकि अब तस्वीर बदल रही है. बीते दो महीनों से जिले में सरकारी अभियान के तहत तमसा की सफाई का कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे अब इसकी चमक लौटने लगी है और धार्मिक व ऐतिहासिक पहचान फिर से जीवित हो रही है.

चंद्रमा ऋषि तीर्थ से शुरू हुआ अभियान
आजमगढ़ के चंद्रमा ऋषि स्थल पर स्थित तमसा और सिलनी नदी के संगम की धार्मिक दृष्टि से बहुत अहमियत है. लेकिन यह संगम स्थल लंबे समय से गंदगी से भरा हुआ था. अब यहां स्थानीय प्रशासन द्वारा सफाई कराई गई है, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल रहा है.

पिछले दो महीनों में तमसा नदी की सफाई का असर जमीन पर साफ दिखाई दे रहा है. चंद्रमा ऋषि के दोनों तरफ करीब 4 किलोमीटर क्षेत्र की सफाई पूरी हो चुकी है.

89 किलोमीटर की सफाई का लक्ष्य
अधिकारियों के मुताबिक, तमसा नदी अंबेडकरनगर से निकलकर आजमगढ़ में प्रवेश करती है और यहां लगभग 89 किलोमीटर तक बहती है. इस पूरे हिस्से की सफाई का लक्ष्य रखा गया है. आजमगढ़ के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वितीय के मुताबिक, आने वाले 6 महीनों में तमसा नदी की पूरी तस्वीर बदलने जा रही है. उन्होंने बताया कि सफाई के साथ-साथ स्थायी स्वच्छता बनाए रखने के लिए तटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, और निगरानी के लिए कर्मियों की तैनाती भी की जाएगी. वर्तमान में चंद्रमा ऋषि दत्तात्रेय और दुर्वासा ऋषि आश्रम के आसपास लगभग पांच किमी के क्षेत्र में तमसा नदी की सफाई की गई है.

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