धूप में छांव बनी ये अनोखी पहल, नोएडा में धर्म की दीवारें तोड़कर साथ आएं हिन्दू

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नोएडा के सेक्टर-22 में भीषण गर्मी में ईसाई, सिख, हिन्दू और मुस्लिम समुदायों ने मिलकर शरबत भंडारा आयोजित किया. यह पहल मानवता, भाईचारे और सामाजिक एकता का संदेश देती है.
मंदिर के सामने, क्रिश्चियन ने कराया भंडारा, मुस्लिम ने बांटा, और सिख ने किया स्प
हाइलाइट्स
- नोएडा में विभिन्न धर्मों ने मिलकर शरबत भंडारा आयोजित किया.
- इस पहल ने मानवता और भाईचारे का संदेश दिया.
- भीषण गर्मी में लोगों को ठंडा शरबत पिलाया गया.
सुमित राजपूत/नोएडा- देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-22 के शिव मंदिर के सामने भीषण गर्मी से परेशान लोगों के लिए एक विशेष शरबत भंडारे का आयोजन किया गया. यह भंडारा न केवल प्यास बुझाने वाला था, बल्कि समाज में मानवता और भाईचारे का एक अनोखा संदेश भी था. इस आयोजन में विभिन्न धर्मों के लोगों ने मिलकर सहयोग किया, जिससे यह भंडारा एकता का प्रतीक बन गया.
धर्मों के बीच सामंजस्य का संदेश
इस भंडारे की सबसे खास बात यह थी कि इसे ईसाई समुदाय के रिक्की जॉन्सन ने आयोजित किया, जबकि इसका स्पॉन्सर सिख समाज के एक उद्यमी थे. इसके साथ ही इस भंडारे के वितरण में हिन्दू और मुस्लिम युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस पहल ने देश में बढ़ते धार्मिक विवादों और मतभेदों के बीच एक सकारात्मक उदाहरण पेश किया, जो यह दिखाता है कि धर्म चाहे कोई भी हो, इंसानियत और सहयोग की भावना सबसे ऊपर होती है.
भीषण गर्मी में लोगों को मिली राहत
रिक्की जॉन्सन ने लोकल 18 की टीम से बातचीत में बताया कि वे ‘छोटू फाउंडेशन’ नाम की संस्था चलाते हैं. जब तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है, तो ऐसे समय में जरूरतमंदों को ठंडा और ताजगी देने के लिए यह शरबत भंडारा आयोजित किया गया. उन्होंने कहा कि यह काम अकेले संभव नहीं था. इसी वजह से उन्होंने सिख, हिन्दू और मुस्लिम दोस्तों के साथ मिलकर इस पहल को सफल बनाया. इस प्रकार यह आयोजन भारत की ‘अनेकता में एकता’ की झलक था, जहां विभिन्न समुदाय एक साथ मिलकर समाज की सेवा करते हैं.
हर वर्ग के लोगों ने किया शरबत का आनंद
सड़क किनारे लगाए गए शरबत के स्टॉल पर दिनभर लोगों की भीड़ लगी रही. राहगीर, रिक्शा चालक, मजदूर, स्थानीय निवासी तथा कई अन्य वर्गों के लोगों ने इस ठंडे शरबत का आनंद उठाया. इस पहल ने न केवल उनकी प्यास बुझाई, बल्कि दिलों को भी जोड़ने का काम किया. लोगों ने इसे बहुत सराहा और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में प्यार और भाईचारे को बढ़ावा देते हैं.