नोएडा में 70 हजार फ्लैट बायर्स के आएंगे अच्छे दिन, जल्द मिलेगा पजेशन! सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया बड़ा काम

0
नोएडा में 70 हजार फ्लैट बायर्स के आएंगे अच्छे दिन, जल्द मिलेगा पजेशन! सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया बड़ा काम


Last Updated:

Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा में करीब 70 हजार फ्लैट बायर्स के अच्छे दिन आएंगे. अगर सब कुछ ठीक रहा तो उन्हें फ्लैट का पजेशन भी आने वाले दिनों में मिल जाएगा. नोएडा-ग्रेटर में हजारों की संख्या में डिफॉल्टर की क…और पढ़ें

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के करीब 70 हजार फ्लैट बायर्स के लिए राहत की खबर…

नोएडा. नोएडा-ग्रेटर नोएडा में करीब 70 हजार फ्लैट बायर्स हैं जिनको अब तक उनके फ्लैट का पजेशन नहीं मिला है. हजारों की संख्या में ऐसे बायर्स है जो अब डिफॉल्टर की कैटेगरी में आ चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से उम्मीद की नई किरण दिखी है. आदेश सुप्रीम कोर्ट ने बायर्स की याचिका पर एनसीआर में बिल्डरों और बैंकों-एनबीएफसी के बीच कथित सांठगांठ की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है. यह फैसला उन हजारों घर खरीदारों की शिकायतों के बाद आया है, जो कई साल से अपने फ्लैटों का कब्जा नहीं पा सके हैं. बैंकों की ओर से उन्हें ईएमआई चुकाने के लिए बाध्य किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के अपने आदेश में सीबीआई निदेशक को एसआईटी बनाने के निर्देश दिए गए हैं. आदेश में कहा गया है कि यूपी और हरियाणा डीजीपी को सीबीआई को पुलिस अफसर मुहैया कराएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से अंतरिम स्टेटस रिपोर्ट मांगते हुए हर महीने इस पर सुनवाई करने की बात कही है.

दरअसल, बैंकों के सहयोग से सबवेंशन स्कीम रियल एस्टेट डेवलपर्स लेकर आए थे. योजना का मुख्य उद्देश्य घर खरीदने वालों के लिए संपत्ति खरीदना अधिक आसान और आकर्षक बनाना था. योजना के तहत खरीदार 20% देकर घर बुक कर सकते थे. बिल्डर ने कब्जा मिलने तक लोन ब्याज (प्री-ईएमआई) का भुगतान करने की जिम्मेदारी ली थी. बिल्डर के झांसे में बायर्स आ गए. कुल लागत का 5 से 20 प्रतिशत तक पैसा बिल्डर को देकर फ्लैट बुक कराया.

बिल्डर ने बैंक से प्रॉपर्टी पर 80 प्रतिशत का लोन दिलाया. लोन का पैसा बिल्डर के पास गया. स्कीम के मुताबिक, बिल्डर को लोन की ईएमआई पर लगने वाले ब्याज का पेमेंट बैंक को करना था. कुछ किस्ते भरने के बाद बिल्डर ने ब्याज देना बंद कर दिया. जो पैसा उसे मिला था, उसे अन्य प्रोजेक्ट में डायवर्ट कर दिया. ऊपर से निर्माण कार्य भी बंद कर दिया. ऐसे में बायर्स को न तो फ्लैट मिला और ब्याज-किस्त जमा नहीं होने पर वो डिफॉल्टर भी हो गए.

याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि सुपरटेक के 6 शहरों में 21 से अधिक प्रोजेक्ट हैं. 19 वित्तीय संस्थान हैं. कम से कम 800 पीड़ित घर खरीदार हैं. रिपोर्ट में सुपरटेक और 8 बैंकों के बीच सांठगांठ की प्राथमिकता के आधार पर जांच करने की सिफारिश की गई है. नोएडा और ग्रेटरनोएडा में करीब 70 हजार से ज्यादा फ्लैट बायर्स को अब तक उनका आशियाना नहीं मिला है. ज्यादादर पीड़ित सुपरटेक , जेपी, यूनीटेक और आम्रपाली के फ्लैट बायर्स हैं.

homeuttar-pradesh

नोएडा में 70 हजार फ्लैट बायर्स के आएंगे अच्छे दिन, जल्द मिलेगा पजेशन!



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *