पढ़िए रामपुर के उस नवाब की दास्तान जिनके दौर में बदल गई थी शहर की तस्वीर…

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Rampur News: रामपुर के नवाब सैयद हामिद अली खां बहादुर ने शिक्षा, संस्कृति और संगीत को बढ़ावा दिया. उन्होंने रज़ा लाइब्रेरी, हामिद मंज़िल और रामपुर रेलवे स्टेशन बनवाया. उनका निधन 20 जून 1930 को हुआ.
हाइलाइट्स
- रामपुर के नवाब हामिद अली खां ने शिक्षा को बढ़ावा दिया था.
- नवाब हामिद अली खां ने रामपुरी संगीत घराने को संरक्षण दिया था.
- रामपुर रेलवे स्टेशन और रज़ा लाइब्रेरी भी उनकी ही देन हैं.
13 साल की उम्र में संभाली गद्दी
इतिहासकार फ़रहत अली ख़ान के मुताबिक, नवाब हामिद अली ख़ां ने महज 13 साल की उम्र में, 1889 में, रामपुर की गद्दी संभाली थी. इसके बाद उन्होंने लगातार 41 सालों तक इस रियासत पर शासन किया. उनके दौर में शिक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई. रज़ा लाइब्रेरी, हामिद मंज़िल और हामिद इंटर कॉलेज जैसे शिक्षण और ऐतिहासिक संस्थान उनके समय में बने. रामपुर रेलवे स्टेशन और भारत का पहला AC महल भी नवाब हामिद अली ख़ां की ही देन हैं. उन्होंने रामपुर को एक आधुनिक और शिक्षित रियासत में तब्दील कर दिया.
नवाब हामिद अली खां ने रामपुरी संगीत घराने को न सिर्फ संरक्षण दिया, बल्कि देशभर के उस्तादों को दरबारी दर्जा भी प्रदान किया. उनके संरक्षण में रामपुर का संगीत देश-विदेश में अपनी पहचान बनाने लगा. शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ उन्होंने उर्दू साहित्य, शायरी और लेखन को भी खूब बढ़ावा दिया. इसी का नतीजा है कि आज भी रामपुर को अदब और तहज़ीब का शहर कहा जाता है.
रामपुरी रसोई में भी उनका अहम योगदान
रामपुरी खानपान की जो खास पहचान आज है जैसे मटन यखनी, भुट्टे की कढ़ी, कोफ्ता और मसालेदार मुरग वो नवाब हामिद अली खां के दौर की ही देन हैं. उन्होंने अपने दरबार में बावर्चियों को खास पकवानों को विकसित करने के लिए प्रेरित किया. उन्हीं की कोशिशों से रामपुरी रसोई एक खास पहचान बन सकी.