फकीर से करोड़पति बनने का यह रहा सीधा सा रास्ता, बस करना है ये छोटा सा काम, फिर हो जाएगी बल्ले-बल्ले

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फकीर से करोड़पति बनने का यह रहा सीधा सा रास्ता, बस करना है ये छोटा सा काम, फिर हो जाएगी बल्ले-बल्ले


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UP News: भारत में लोग खेती-बाड़ी के साथ ही पशुपालन को भी अब विशेष महत्व देने लगे हैं. यहां के लोग अब गाय, भैंस, बकरी के साथ ही अब अधिक से अधिक आमदनी कमाई जा सके ऐसे कारोबार को करने लगे हैं.

फर्रुखाबाद: भारत में लोग खेती-बाड़ी के साथ ही पशुपालन को भी अब विशेष महत्व देने लगे हैं. यहां के लोग अब गाय, भैंस, बकरी के साथ ही अब अधिक से अधिक आमदनी कमाई जा सके ऐसे कारोबार को करने लगे हैं. इसमें वह इन पशुओं से हटकर अन्य पशुओं का पालन करके अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस बदलाव से उनकी अच्छी कमाई भी हो रही है. वहीं, दूसरी ओर नए विकल्प भी अब उनसे जुड़ गए हैं. आज कई राज्यों में भेड़ और बकरी पालन हो रहा है. इसी को लेकर फर्रुखाबाद में भी अब भेड़ पालन जोरों से आगे बढ़ रहा है और कमाई भी लाखों में हो रही हैं. ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के तेजसिंह के साथ हुआ. तेजसिंह पहले गांव में मजदूरी का काम किया करते थे. मजदूरी के काम से मुश्किल से खर्चा चल पाता था. उसके बाद घर पर अपने पुस्तैनी कार्य भेड़ पालन शुरू किया. जिससे आज वो अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

लोकल18 को तेजसिंह ने बताया कि वह पहले मजदूरी किया करता थे. मजदूरी के काम से परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो जाता था. ऐसे में जब वह घर ही परेशान रहते थे. तभी उनके मन में एक आइडिया आया क्यों न भेड़ पालन किया जाए. उन्होंने घर में 15 भेड़ जो कि पहले से थी और 45 भेड़ खरीद कर भेड़ पालन की शुरुआत कर दी. आज अजीत भेड़ पालन से महीने में 50 से 60 हजार मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं इसके साथ-साथ खेती भी कर रहे हैं. तेजसिंह बताते हैं कि हम खेती-बाड़ी के साथ-साथ बकरी पालन का काम करते हैं. भेड़ पालन हमारा पार्ट टाइम जॉब है. इसमें प्रतिदिन 5 से 6 घंटा देते हैं और मुनाफा भी बेहतर हो जाता है.

किसान के लिए चलता फिरता एटीएम
वहीं भेड़ से निकलने वाली जैविक उर्वरक जो की 8 से 10 प्रति किलो बिक जाता है. रोज 200 से 300 रुपया इससे भी निकल जाता है. तेजसिंह अभी दो नस्ल की भेड़ पालन करते हैं. एक गुजरी नस्ल जो की देसी भेड़ है, वहीं इसके अलावा गद्दी, मगरा नस्ल की भेड़ पालन भी कर रखा है. कुंवर पाल ने कहा कि कश्मीर जो कि ठंडा प्रदेश है. वहां पर मांस का काफी क्रेज है. ऐसे में भेड़ पालन हमारे लिए काफी फायदेमंद है. यहां पर भेड़ पालन छोटे तबके के किसान के लिए चलता फिरता एटीएम है. भेड़ का बच्चा जो आसानी से बिक जाता है वही सर्दियों के दिनों में ऊन भी अत्यधिक मिलता और बिक्री हो जाती हैं. फिलहाल तेजसिंह भेड़ पालन से खुश है और परिवार का जीवन भी आनंदित है महीने की कमाई भी अच्छी हो रही है.

ज्यादातर बेरोजगार युवाओं ने इस समय पर दुबा भेड़ पालन को अपनी आमदनी का जरिया बना रखा है. इसमें थोड़ी ही पूंजी से कमाई हो रही हैं. भेड़ के बच्चे सस्ती कीमत पर आसानी से मिल जाते हैं और 3 महीने का बच्चा खरीदने से काफी फायदा होता है. क्योंकि 3 महीने में खरीदे और 9 से 10 महीने में यह वयस्क हो जाता है और डेढ़ साल के अंदर ही आपको इससे चार और बच्चे मिलने लगते हैं. वही यह रोजगार आपको आगे बढ़ाने के लिए और 2 साल तक बच्चों को न बेचें तो आपके यहां पर इनकी संख्या बढ़ने के साथ ही कमाई भी बढ़ जाएगी.

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