फसल लादकर पहुंचे मंडी, पीटने लगे सिर, हताश किसानों ने गुस्से में कर डाला ये काम

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Watermelon Farmers Kaushambi : कौशांबी के किसानों ने अपनी उपज फेंकनी शुरू कर दी है. दिन-रात खून-पसीना एक करके मेहनत से उगाई फसल सड़कों पर फेंकी जा रही है. किसान गुस्से में घर लौट रहा है.
तरबूज
हाइलाइट्स
- कौशांबी में तरबूज के भाव 3 रुपये प्रति किलो हैं.
- किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं.
- गुस्से में तरबूज फेंककर घर लौट रहे किसान.
Watermelon wholesale price/कौशांबी. बंपर फसल होने के बावजूद कौशांबी जिले के किसान हताश और परेशान हैं. रात-दिन एक करके खून-पसीने की उनकी मेहनत बेकार होती दिख रही है. हाड़ तोड़ मेहनत का नतीजा मिलने का समय आया तो किस्मत ही रूठ गई. जिस फसल से अच्छे दिनों की उम्मीद थी, वही काल साबित हो रही है. मंडी पहुंचे तो सिर पकड़ लिया. दाम इतने गिर चुके हैं कि उपज को वहां ले जाकर बेचने से बेहतर उसे फेंकने में फायदा दिख रहा है. कौशांबी के किसानों ने अपनी उपज फेंकना शुरू कर दिया है. दिन-रात की मेहनत से उगाई फसल सड़कों पर फेंकी जा रही है. हम बात कर रहे हैं तरबूज किसानों की, जो इन दिनों अपना सिर धुन रहा है.
कौशांबी में इस वक्त मंडियों में तरबूज थोक भाव में तीन रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इससे किसानों की लागत तो दूर, उनकी खुद की मेहनत तक भी नहीं निकल पा रही है. मजबूर होकर किसान बाजारों और मंडियों में अपनी उपज फेंक कर गुस्से में घर लौट रहा है. लागत न निकलने से किसान टूट रहा है.
इतने गिर गए दाम
कौशांबी के किसान रईस अहमद ने बताया कि हमने 25 बीघा तरबूज लगाया था. रात-दिन मेहनत करके फसल को तैयार किया. अब जब अपनी फसल को बाजार में बेचने के लिए लाते हैं तो तीन से चार रुपये प्रति किलो दाम मिल रहा है. इससे तो हमारी लागत भी नहीं निकल पा रही है. मजदूर लगाकर तरबूज तोड़ाई और किराया लगाकर उसे मंडी लाने का पैसा भी नहीं निकल रहा है. खेती करने में मन टूट रहा है.