बाबा नीम करौली के लिए बना ऐसा इत्र, जिसे ढूंढने से नहीं मिलेगा, जानिए खासियत

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Baba Neem Karoli Birthday: उत्तराखंड के कैंची धाम में बाबा नीम करौली के जन्मदिवस पर कन्नौज से विशेष ‘सुगंध प्रसाद’ भेजा जा रहा है. इत्र व्यापारी निशीष तिवारी ने बेला और कपूर से भक्ति- भाव वाली खुशबू तैयार की है…और पढ़ें
श्रद्धालुओं को प्रसाद में मिलेगा कन्नौज का इत्र
हाइलाइट्स
- बाबा नीम करौली के जन्मदिवस पर कैंची धाम में भव्य आयोजन होगा.
- कन्नौज से तैयार किया गया खास इत्र “सुगंध प्रसाद” धाम भेजा जाएगा.
- श्रद्धालुओं को मंदिर कमेटी के माध्यम से प्रसाद रूप में इत्र मिलेगा.
कन्नौज: इत्र की नगरी कहे जाने वाले कन्नौज से इस बार एक खास खुशबू उत्तराखंड के कैंची धाम तक पहुंचेगी. हर साल 15 जून को बाबा नीम करौली महाराज का जन्मदिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस मौके पर देशभर से श्रद्धालु उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित बाबा के आश्रम कैंची धाम पहुंचते हैं. कन्नौज से भी कई श्रद्धालु सालों से वहां सेवा देने और दर्शन करने जाते रहे हैं. लेकिन इस बार कुछ अलग और खास हो रहा है.
क्या है इत्र में खास?
निशीष तिवारी बताते हैं कि यह इत्र किसी बाजार में नहीं मिलेगा. यह केवल बाबा के भक्तों के लिए तैयार किया गया है. इसकी खासियत यह है कि इसमें बेला और कपूर की सुगंध को मुख्य आधार बनाया गया है. साथ ही कई और सुगंधों का मिश्रण किया गया है, जिससे एक भक्तिपूर्ण वातावरण तैयार किया जा सके. उनका कहना है कि जब श्रद्धालु इस इत्र को लगाएंगे तो उन्हें ऐसा अनुभव होगा, जैसे वे सच में किसी मंदिर में भगवान के सामने खड़े हैं.
निशीष बताते हैं कि यह इत्र किसी व्यापार के उद्देश्य से नहीं बनाया गया. यह सिर्फ बाबा के भक्तों को भक्ति से जोड़ने और उन्हें दिव्य अनुभव देने के लिए है. हर साल की तरह इस बार भी उनका परिवार कैंची धाम में सेवा देने जाएगा. वहां 501 बोतलें ‘सुगंध प्रसाद’ की बांटी जाएंगी. इसे मंदिर कमेटी के माध्यम से प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा.
आस्था से जन्मा ‘सुगंध प्रसाद’
निशीष तिवारी का यह कदम सिर्फ एक इत्र व्यापारी की सोच नहीं, बल्कि एक श्रद्धालु की भावना है. उनके पिता वर्षों से बाबा नीम करौली के धाम में सेवादारी करते आ रहे हैं. अब बेटे ने भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपनी कला और व्यवसाय को आस्था से जोड़ा है. वह कहते हैं कि यह कोई आम इत्र नहीं है, यह हमारे मन की श्रद्धा की खुशबू है. यह कहीं बिकेगा नहीं, यह बाबा के भक्तों के लिए एक आशीर्वाद है.