बाराबंकी में टमाटर ने बढ़ाई टेंशन, किसानों को लागत निकलना हुआ मुश्किल, पकी फसल भी नहीं तोड़ रहे

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Agriculture News: बाराबंकी जिले के किसान टमाटर की घटी हुई कीमत से बेहद परेशान नजर आ रहे हैं. उन्हें टमाटर की फसल में आई लागत भी निकालना मुश्किल हो रहा है. किसानों का कहना है, हमें टमाटर की तुड़ाई कराने में भी क…और पढ़ें
टमाटर
हाइलाइट्स
- बाराबंकी में टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट.
- किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा है.
- टमाटर की तुड़ाई में भी फायदा नहीं दिख रहा.
बाराबंकी:- जिले के किसानों ने पिछले साल टमाटर की ऊंची कीमतों को देखते हुए इस बार बड़े पैमाने पर बुवाई की थी, लेकिन, भारी उत्पादन के चलते बाजार में टमाटर की अधिकता हो गई है, जिससे कीमतों में भारी गिरावट आई है. जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. क्योंकि गर्मी ज्यादा पढ़ रही है और उससे खेतों में फसल जल्दी पक गई, जिससे बाजार में मांग के सापेक्ष टमाटर ज्यादा पहुंचने लगा.
आपको बता दें, टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट से किसान परेशान हैं. व्यापारी टमाटर एक से दो रुपये प्रति किलो के भाव पर खरीद रहे हैं. इतने कम दाम मिलने से किसानों की फसल उत्पादन में आई लागत भी नहीं निकल पा रही है. कम कीमत के कारण किसान अपने खेतों में पकी हुई फसल की तुड़ाई भी नहीं कर रहे हैं. जो टमाटर किसानों को 2-3 रुपये किलो के भाव पर बेचना पड़ रहा है, वही बाजार में 50-60 रुपये प्रति क्रेट तक बिक रहा है. यह स्थिति किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए चिंताजनक है
क्या कहा किसानों ने
वहीं टमाटर की खेती करने वाले किसानों ने लोकल 18 से बातचीत में बताया, कि टमाटर की फसल काफी अच्छी थी और पैदावार भी खूब हुई, पर रेट कोई नहीं मिल रहा है, क्योंकि 50 से 60 रुपये प्रति क्रेट टमाटर बिकता है. एक क्रेट में 28 किलो टमाटर आता है. औसत 2 रुपये किलो का पड़ता है. एक क्रेट टमाटर तोड़ कर वाहन में लादने तक 40 रुपये का खर्चा आता है. इसलिए टमाटर तोड़ने का कोई फायदा नहीं दिखाई पड़ रहा है, क्योंकि इस बार टमाटर की फसल गर्मी बढ़ने से पक गई है और बाजार में भाव नहीं मिल रहा है. जिस वजह से हम लोग अपनी तैयार खड़ी फसल की तुड़ाई नहीं कर रहे. आगे किसान बताते हैं, कि जो तोड़ा था वह भी खेत में पड़ा हुआ है. ऐसे में हम लोगों की लागत भी निकाल पाना मुश्किल हो गया है.