बार-बार दुबई घूमने जाते थे 4 युवक, घर लौटते ही हो जाते थे मालामाल, ट्रिक जान भौंचक रह गई पुलिस

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बार-बार दुबई घूमने जाते थे 4 युवक, घर लौटते ही हो जाते थे मालामाल, ट्रिक जान भौंचक रह गई पुलिस


रामपुर/मुरादाबाद. रामपुर जिले में कस्बा टांडा क्षेत्र पुलिस ने 23 मई को चार गोल्ड तस्करों मोहम्मद मुत्तलिब, अजहरुद्दीन, शाने आलम और जुल्फिकार अली को गिरफ्तार किया गया था. अब गोल्ड तस्करों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. गोल्ड तस्कर युवक बार-बार दुबई जाते थे. इसलिए लिए उन्हें 30 हजार रुपये मिलते थे. जांच में सामने आया है कि रामपुर में कस्बा टांडा क्षेत्र के करीब 150 युवक तस्करी में शामिल हैं. फाइनेंसर उन्हें अपने खर्चे पर दुबई भेजकर गोल्ड मंगवाते हैं. स्मगलर पेट में गोल्ड कैप्सूल लाते हैं. एक गोल्ड कैप्सूल 30 से 35 ग्राम का होता है. दुबई एयरपोर्ट पर चेक-इन सिक्योरिटी में सेंधमारी करके गैंग के लड़के भारत में एंट्री पा लेते हैं. गैंग मेंबर के लिए भारत में खास तरह से डिजाइन की गई टॉयलेट सीट भी बनवाई गई थी.

पूरा मामला कुछ इस प्रकार है :
23 मई को चार गोल्ड तस्कर मोहम्मद मुत्तलिब, अजहरुद्दीन, शाने आलम और जुल्फिकार अली दुबई से फ्लाइट से मुंबई पहुंचे. फिर वहां से दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर उतरे. टैक्सी लेकर रामपुर आ रहे थे कि बीच रास्ते में मुरादाबाद जिले में बाइपास पर बंद पड़े टोल प्लाजा पर कुछ युवकों ने उनकी कार रुकवा ली. युवकों ने खुद को कस्टम ऑफिसर बताया और जांच के बहाने उन्हें जंगल में ले गए. स्मगलरों का एक साथी चलती गाड़ी से कूदकर भाग निकला. उसने लोगों को किडनैपिंग के बारे में बताया तो गांववालों ने डायल-112 पर कॉल कर दिया.

पुलिस दो किडनैपर और चार गोल्ड स्मगलर को पकड़कर थाने ले गाई. जब पुलिस स्मगलरों का मेडिकल कराने अस्पताल ले गई तो गोल्ड तस्करी का खुलासा हुआ. पता चला कि चारों के पेट में गोल्ड कैप्सूल हैं. चारों स्मगलरों के पेट से अब तक गोल्ड के 28 कैप्सूल निकल चुके हैं जिनकी कीमत एक करोड़ रुपए से ज्यादा है.

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पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि दोनों किडनैपर्स भी गोल्ड स्मगलिंग से जुड़े हैं. हालांकि वो दूसरे रैकेट के मेंबर थे. मामला गोल्ड स्मगलिंग का होने के वजह से कोई भी लूट-ठगी होने पर पुलिस से शिकायत नहीं करता.

मुरादाबाद SP सिटी रणविजय सिंह ने बताया, ‘रामपुर जिले के टांडा क्षेत्र में इस गैंग से जुड़े लोगों ने अपने छोटे-छोटे ग्रुप बना लिए हैं. 3-4 युवकों का ग्रुप एक साथ दुबई जाकर 10 दिन में वहां से गोल्ड खरीदकर भारत लौट आते हैं. दुबई में रुकने, फ्लाइट टिकट सबका इंतजाम फाइनेंसर करते हैं. स्मगलर कैप्सूल की तरह ही पानी से गोल्ड कैप्सूल को निकल लेते हैं. दुबई से भारत आकर अपने ठिकाने पहुंचने तक स्मगलर टॉयलेट नहीं जाते.

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जुल्फिकार 40 बार जा चुका है दुबई
23 मई को पकड़ा गया गोल्ड स्मगलर जुल्फिकार 40 से ज्यादा बार दुबई जा चुका है और करीब 7 साल से गोल्ड तस्करी के धंधे से जुड़ा था. मुरादाबाद और रामपुर के कुल 8 नाम फायनेंसर पुलिस की जांच में शक के घेरे में है. ये फायनेंसर सर्राफा व्यापारी, ट्रैवल एजेंट, डॉक्टर हैं जो स्मगलरों का पासपोर्ट बनवाते हैं, फ्लाइट टिकट कराते हैं और दुबई के होटल में एडवांस बुकिंग कर ठहरने की व्यवस्था करते हैं. स्मगलरों को महीने में कम से कम एक बार दुबई फ्री में घूमने का मौका मिल जाता है, आलीशान होटल, मौज-मस्ती का मौका मिलता है.

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पुलिस ने फायनेंसर को पकड़ा
पुलिस ने फाइनेंसर जाहिद को पकड़ा है. जाहिद स्मगलरों को दुबई भेजकर सोना मंगवाता था. माना जाता है कि दुबई के गोल्ड की प्योरिटी भारत से कहीं ज्यादा होती है, इसलिए उसे खरीदने वाले सर्राफा व्यापारी एडवांस में ही ऑर्डर दे देते हैं.



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