भाई की मौत ने बदली जिंदगी! अब देशभर में ‘ब्लड डोनेशन’ की मिसाल बनी उर्वशी….

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Jaunpur News: जौनपुर की उर्वशी सिंह ने भाई की मौत के बाद रक्तदान के क्षेत्र में कदम रखा. उन्होंने 1000 से ज्यादा लोगों को रक्त उपलब्ध करवाया और कई बार खुद भी रक्तदान किया. उनकी मुहिम अब एक आंदोलन बन चुकी है.
समाजसेवी उर्वशी सिंह
हाइलाइट्स
- उर्वशी सिंह ने 1000 से ज्यादा लोगों को रक्त उपलब्ध करवाया.
- भाई की मौत के बाद उर्वशी ने रक्तदान मुहिम शुरू की.
- उर्वशी सिंह की मुहिम अब एक आंदोलन बन चुकी है.
जौनपुर: आज हम आपको जिस महिला के बारे में बताने जा रहे हैं वो महिला आज रक्तदान के क्षेत्र में देशभर में अपनी एक महत्वपूर्ण पहचान बन चुकी हैं. उनका यह प्रेरणादायक सफर एक साधारण महिला से समाजसेवी बनने का है, जो दर्द और संकल्प से भरा हुआ था. है बात कर रहें हैं जौनपुर की रहने वाली उर्वशी सिंह की, उनका यह सफर तब शुरू हुआ जब एक सड़क दुर्घटना में उनके भाई को समय पर रक्त नहीं मिल सका और इस वजह से उनकी जाम चली गई. उसी एक पल ने उर्वशी की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया.
एक घटना ने बदल दिया जीवन
दरअसल, भाई की अचानक हुई मौत ने उर्वशी को गहरे दुख में डाल दिया, लेकिन इस दर्द ने उन्हें समाज के लिए कुछ बेहतर करने की प्रेरणा दी. उन्होंने यह ठान लिया कि अब वह किसी और परिवार को ऐसा दुःख नहीं सहने देंगी. उन्होंने रक्तदान के क्षेत्र में कदम रखा और देशभर में रक्त की कमी को दूर करने के लिए मुहिम शुरू की. शुरुआत में उर्वशी ने अपने आस-पास के लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया, कैंप लगाए और सोशल मीडिया के माध्यम से जन जागरूकता फैलानी शुरू की.
रक्तदान मुहिम ने लिया आंदोलन का रूप
उर्वशी की मेहनत और समर्पण का फल यह हुआ कि उनका अभियान धीरे-धीरे एक आंदोलन में बदल गया. अब तक उर्वशी 1000 से ज्यादा लोगों को रक्त उपलब्ध करवा चुकी हैं और कई बार खुद भी रक्तदान किया है. खासकर एक्सीडेंट के शिकार मरीजों और गर्भवती महिलाओं के लिए उर्वशी ने रक्त की व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आज उर्वशी सिंह केवल जौनपुर में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में रक्तदान की प्रेरणा बन चुकी हैं. वह समय-समय पर ब्लड डोनेशन ड्राइव का आयोजन करती हैं और युवाओं को इस नेक कार्य में भाग लेने के लिए प्रेरित करती हैं. उनके प्रयासों के कारण अब कई ब्लड डोनर ग्रुप सक्रिय हो चुके हैं, जो जरूरत पड़ने पर रक्त प्रदान करते हैं.
भाई की मौत के बाद उठाया कदम
उर्वशी सिंह ने बताया कि उनके भाई की मौत ने उन्हें तोड़ने के बजाय समाज के लिए कुछ करने का इंस्पिरेशन दिया. क्योंकि अगर समय रहते उनके भाई को ब्लड मिल जाता तो शायद वह आज जिंदा होता. उन्होंने बताया इसलिए वह नहीं चाहती कि किसी और को यह दर्द सहना पड़े जो उन्होंने और उनके परिवार ने झेला. उनकी निस्वार्थ सेवा और समर्पण के लिए कई सामाजिक संस्थाओं और संगठनों ने उन्हें सम्मानित किया है. उर्वशी सिंह आज युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं और यह साबित करती हैं कि एक व्यक्ति भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है.