भेड़ भी है ‘मौसम वैज्ञानिक’! अगर झुंड में दिखे ये लक्षण तो… फौरन उठा लो छतरी, होगी भारी बारिश

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भेड़ भी है ‘मौसम वैज्ञानिक’! अगर झुंड में दिखे ये लक्षण तो… फौरन उठा लो छतरी, होगी भारी बारिश


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Surprising Hints Of Rain : आधुनिक युग में वैज्ञानिकों ने बारिश और मौसम के अनुमान के लिए अनेक उपकरण विकसित कर लिए हैं लेकिन दुनिया में कई ऐसे पशु- पक्षी ऐसे हैं जो मौसम में बदलाव को पहले समझ लेते हैं. भेड़, टिटह…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • भेड़ झुंड में दिखें तो भारी बारिश के संकेत हैं.
  • भेड़ बिखराव में दिखें तो मौसम खुलने के संकेत हैं.
  • पक्षी और कीट भी मौसम के बदलाव के संकेत देते हैं.

शाहजहांपुर : कुछ पशु मानसून या किसी आपदा से पहले संकेत दे सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि पशुओं की ज्ञान इंद्रियां मनुष्यों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती हैं, जिससे वे भूकंप, सुनामी और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से पहले होने वाले सूक्ष्म बदलावों को महसूस कर सकते हैं. कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि कुत्ते भूकंप से पहले बेचैन हो जाते हैं और भौंकने लगते हैं. इसी तरह, तूफान आने से पहले पक्षी असामान्य व्यवहार कर सकते हैं या मछलियां गहरे पानी में चली जाती हैं. यह भी देखा गया है कि मेंढक बारिश से पहले अधिक शोर करते हैं, जो शायद हवा की नमी और दबाव में बदलाव के कारण होता है. ठीक इसी तरह से बारिश और हिमपात से पहले भेड़ की संकेत देती हैं.

इतिहासकार डॉ. विकास खुराना बताते हैं कि हमारे देश में लोक मान्यताओं का विशेष महत्व है. हजारों वर्षों के अनुभव के बाद लोग इनका विशेष महत्व भी देते हैं. बहुत से पशु पक्षी हैं जो किसी भी आपदा या बारिश से पहले संकेत देने ना शुरू कर देते हैं. ठीक इसी तरह भेड़ भी किसी भी आपदा की स्थिति से पहले संकेत देना शुरू कर देती हैं. भेड़ का झुंड में इकट्ठा होना और बिखराव में रहना, दोनों ही अलग-अलग बातों को दर्शाता है.

भेड़ भी है मौसम वैज्ञानिक
भेड़ का इस्तेमाल ऊन उत्पादन या फिर मांस के लिए भी किया जाता है. भेड़ मौसम का ज्ञान कराने को लेकर बेहद ही महत्व रखती हैं. अगर भेड़ झुंड में दिखाई दे रही हो तो भारी बारिश या ही में हिमपात होने की संकेत होते हैं. वहीं भेड़ों का झुंड अगर बिखराव में दिखाई दें तो मौसम खुलने के संकेत माने जाते हैं.

ये भी पक्षी भी देते हैं बारिश के संकेत
भेड़ के अलावा अन्य कीट या पशु भी मौसम में होने वाले बदलाव से पहले ही आगाह कर देती हैं और दीमक अगर ऊंचे स्थान पर जाने लगे या चीटियां अपने अंडों को लेकर ऊंचे स्थान पर जाने लगे तो यह भारी बारिश होने से पहले के संकेत माने जाते हैं. पक्षियों में टिटहरी की बात की जाए तो उसके अंडों की संख्या और अंडे देने के स्थान से महसूस होता है कि इस बार मानसून कैसा रहने वाला है. बताया जाता है कि अगर अंडे ऊंचे स्थान पर हों तो भारी बारिश के संकेत माने जाते हैं. अंडों की संख्या बारिश के दिनों की संख्या को तय करती है. गौरैया अगर मिट्टी में लोटने लगे तो यह भारी बारिश के संकेत होते हैं.

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