मऊ के राहुल सिंह को मिला कायाकल्प अवॉर्ड, जानिए क्यों हुए सम्मानित?

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मऊ के राहुल सिंह को मिला कायाकल्प अवॉर्ड, जानिए क्यों हुए सम्मानित?


मऊ: पत्रकारों का काम सिर्फ खबरों को दिखाना नहीं होता है. असल पत्रकार वो होता है जो समाज की भलाई के लिए ज़मीनी स्तर पर भी काम करे. मऊ जनपद के स्वतंत्र पत्रकार राहुल सिंह ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. पत्रकारिता के साथ- साथ उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी में योगदान दिया, उसी का नतीजा है कि उन्हें ‘कायाकल्प अवॉर्ड’ से नवाजा गया है.

ये अवॉर्ड उन्हें जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल सिंह के हाथों मिला, जिसमें उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. खास बात ये है कि ये सम्मान भारत सरकार की ‘मोमेंटम’ परियोजना के तहत दिया गया है, जिसका मकसद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, सफाई और जन-जागरूकता बढ़ाना है.

शानदार रिपोर्टिंग की वजह से बदला स्वास्थ्य केंद्र 
राहुल सिंह ने भरउ का पुरा और छोटी महारानियां के नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के कायाकल्प में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने सिर्फ खबरें ही नहीं लिखीं, बल्कि खुद जाकर देखा, समस्याएं उठाईं और उनके समाधान के लिए सिस्टम को जगाया. उनकी रिपोर्टिंग के चलते स्वास्थ्य केंद्रों में साफ-सफाई, व्यवस्था और सुविधाओं में जो सुधार हुआ, उसे खुद अधिकारी भी मानते हैं.

राहुल सिंह ने दी प्रतिक्रिया
लोकल18 से बात करते हुए राहुल सिंह ने कहा, “ये अवॉर्ड मेरे लिए सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि मेरी मेहनत की पहचान है. मुझे खुशी है कि मैंने जो काम किया, उसे देखा और सराहा गया. ये अवॉर्ड मुझे आगे और बेहतर करने की प्रेरणा देगा.”

राहुल सिंह की पत्रकारिता निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित से जुड़ी मानी जाती है. उनकी रिपोर्टिंग में न सिर्फ सच्चाई होती है, बल्कि वो संवेदनशीलता भी साफ झलकती है. कई बार उन्होंने अपनी खबरों से प्रशासन को नींद से जगाया और आम लोगों की समस्याएं हल कराईं.

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राहुल को मिल रही बधाइयां

मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अवॉर्ड मिलने के बाद जिलेभर से बधाइयों का तांता लग गया. ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि प्रवीण कुंवर सिंह शुभम, अमित मिश्र, डॉ. नासिर, डॉ. कैलाश मौर्य, शिक्षक राज बहादुर सिंह समेत कई लोगों ने उन्हें बधाई दी और उनके कार्यों की सराहना की.

स्वतंत्र पत्रकारों को अक्सर वह सम्मान नहीं मिल पाता जो उनका हक होता है, लेकिन राहुल सिंह ने यह साबित कर दिया है कि अगर नीयत साफ हो और इरादे मजबूत, तो पत्रकार भी बदलाव के वाहक बन सकते हैं. उनका यह अवॉर्ड न केवल उनकी निजी जीत है, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता और सामाजिक भागीदारी की भी एक बड़ी मिसाल है.

अब पूरे मऊ को उन पर गर्व है और उम्मीद है कि वो यूं ही समाज की भलाई के लिए पत्रकारिता के ज़रिए अपनी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे.



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