मऊ के लाल ने रचा इतिहास! UPSC CAPF में ऑल इंडिया 32वीं रैंक

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मऊ के लाल ने रचा इतिहास! UPSC CAPF में ऑल इंडिया 32वीं रैंक


मऊ: कहते हैं अगर इरादे मजबूत हों तो सपना हकीकत बन जाता है. उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले रामनयन यादव ने सच कर दिखाया है. उन्होंने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की तरफ से आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की परीक्षा में ऑल इंडिया 32वीं रैंक हासिल कर जिले ही नहीं, पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है.

रामनयन अब असिस्टेंट कमांडेंट (Assistant Commandant) बन गए हैं और उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. गांव के लोगों ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उनका भव्य स्वागत किया.

बचपन से ही था देश सेवा का सपना
लोकल18 से खास बातचीत में रामनयन यादव ने बताया कि उनका सपना शुरू से ही था कि वे एक दिन देश की सेवा करें. उनके माता-पिता भी यही चाहते थे कि बेटा एक दिन बड़ी सरकारी नौकरी करे और समाज में बदलाव लाए. इसीलिए इंटर के बाद ही उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी.

उनकी शुरुआती पढ़ाई मऊ जिले के लिटिल फ्लावर चिल्ड्रन स्कूल से हुई और फिर उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने बताया कि पहली बार उन्होंने 2023 में CAPF की परीक्षा दी थी, लेकिन सिर्फ 6 अंकों से रह गए. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और अगले ही साल दोबारा परीक्षा दी, और इस बार 32वीं रैंक हासिल करके पूरे देश में अपने नाम का डंका बजा दिया.

मां-बाप और कुलदेवी से मिली प्रेरणा
रामनयन अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कुलदेवी दिया माता, और अपने मेहनती प्रयास को देते हैं. उन्होंने कहा, “अगर लक्ष्य साफ हो और मेहनत सच्चे मन से की जाए, तो कोई भी परीक्षा मुश्किल नहीं होती. मेरी सफलता के पीछे मेरे माता-पिता का विश्वास और कुलदेवी का आशीर्वाद रहा है.”

पूरे गांव में जश्न का माहौल
रामनयन जैसे ही अपने गांव पहुंचे, ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. हर कोई उन्हें माला पहनाकर बधाई दे रहा था. बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी उनकी एक झलक पाने को उत्साहित थे. एक ग्रामीण ने कहा, “रामनयन ने मऊ जिले का नाम ऊंचा कर दिया है. हमें गर्व है कि हमारा बेटा अब असिस्टेंट कमांडेंट बनकर देश की सेवा करेगा.”

देश सेवा की दिशा में बढ़ाया कदम
रामनयन का कहना है कि अब वह बतौर असिस्टेंट कमांडेंट, ईमानदारी से देश की सेवा करना चाहते हैं. उनका सपना सिर्फ एक नौकरी पाना नहीं था, बल्कि समाज के लिए कुछ करना था, और अब उन्हें वह प्लेटफॉर्म मिल गया है.



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