मानसून में नहीं हो रही बारिश? धान की जगह तुरंत लगा दें ये फसल… लेकिन पहले करें 2 ग्राम वाला ये जुगाड़

Last Updated:
Farming Tips : खरीफ सीजन में कम सिंचाई वाले क्षेत्रों के किसान ज्वार की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जिन इलाकों में कम बारिश होती है, वहां किसान गहरी जुताई कर ज्वार की उन्नत किस्मों की बुवाई लाइनों में कर…और पढ़ें
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं यहां पर बारिश हो चुकी है. ऐसे में किसान पर्याप्त नमी रहते हुए खेत की गहरी जुताई करें. जुताई करने के बाद खेत को समतल कर लें. मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए किसान दो बार खेत की जुताई करें. उसके बाद किसान ज्वार की बुवाई कर सकते हैं. ज्वार की फसल को लाइनों में बुवाई करें. लाइन में बुवाई करने से फसल की ग्रोथ अच्छी होती है. फसल गिरती नहीं क्योंकि तेज हवा चलने पर हवा का आवागमन बेहतर हो जाता है. किसानों को उत्पादन भी अच्छा मिलता है.
ज्वार की बुवाई करने के लिए किसान उन्नत किस्म के ही बीज का चुनाव करें. किसान किसी पंजीकृत दुकान या फिर कृषि विभाग के बीज भंडार से बीज खरीद सकते हैं. बुवाई से पहले बीज को उपचारित जरूर करें. बीज उपचारित करने के लिए किसान कार्बेंडाजिम की 2 से 2.5 ग्राम मात्रा लेकर प्रति किलो भेजे को उपचारित कर सकते हैं. बीज उपचारित करने से बीज जनित या फिर मिट्टी से होने वाले रोग फसल को चपेट में नहीं लेते हैं.
कैसे और कब करें खाद का छिड़काव?
ज्वार की फसल की बुवाई करने से पहले किसान अगर मिट्टी की जांच कर लें तो कम लागत में उत्पादन ले सकते हैं. अगर मिट्टी की जांच नहीं कराई है तो किसान 40 से 50 किलोग्राम यूरिया, 20 से 25 किलोग्राम, पोटाश और 30 से 40 किलोग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टेयर की दर से इस्तेमाल करें. यह सभी उर्वरक बुवाई के दौरान खेत की अंतिम जुताई करते समय डाल दें.