यहां से गुज़रने वाले रहें सावधान! मौत का है अड्डा, सरकार ने शुरू की ये स्कीम

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यहां से गुज़रने वाले रहें सावधान! मौत का है अड्डा, सरकार ने शुरू की ये स्कीम


जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में स्थित प्रसाद तिराहा अब लोगों के बीच एक डरावना नाम बन चुका है. यह तिराहा ऐसा चौराहा है, जहां हादसे आम बात हो गई है. हर साल यहां दर्जनों लोग घायल होते हैं और कई तो अपनी जान तक गंवा देते हैं. हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि प्रशासन ने आखिरकार इसे ‘ब्लैक स्पॉट’ घोषित कर दिया है.

हर साल होते हैं 30- 40 लोग घायल
यह तिराहा दो व्यस्त सड़कों को जोड़ता है. यहां चौबीसों घंटे ट्रैफिक रहता है, लेकिन रोशनी की कमी, ट्रैफिक सिग्नल का अभाव, ओवरस्पीडिंग और अंधाधुंध ड्राइविंग इसे एक जानलेवा जगह बना चुके हैं. पिछले तीन सालों में यहां पर हर साल 30 से 40 लोग घायल हुए हैं और 5 से 10 लोगों की जान चली गई है. इनमें से ज़्यादातर हादसे रात के समय होते हैं, जब ट्रैफिक कम होता है और घायलों को वक्त पर इलाज नहीं मिल पाता.

सरकार ने की नई पहल की शुरुआत
अब इस ब्लैक स्पॉट पर हो रही लगातार मौतों और घायलों को देख सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है. यदि कोई आम नागरिक किसी घायल व्यक्ति को अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाता है, तो उसे नकद इनाम दिया जाएगा.

जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा, “हम चाहते हैं कि लोग सड़क पर पड़े घायलों की अनदेखी न करें. यह योजना समाज को जागरूक करने और मदद के लिए आगे आने की प्रेरणा है.”

वहीं, इस योजना के ऐलान के बाद स्थानीय लोगों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है. स्थानीय दुकानदार शैलेश सिंह ने बताया, “सरकार का ये फैसला स्वागत योग्य है. अक्सर लोग कानून के डर या झंझट से बचने के लिए घायल की मदद नहीं करते थे, लेकिन अब अगर इनाम भी मिलेगा तो लोग आगे आएंगे.”

वहीं समाजसेवी धीरज सेठ ने कहा, “घायल को समय पर अस्पताल पहुंचाना उसकी जान बचा सकता है. ये योजना सिर्फ एक इनाम नहीं है, ये एक सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का मौका है.”

सिर्फ इनाम से नहीं, सुधार की है जरुरत
हालांकि, सरकार की यह योजना सराहनीय है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ इनाम से बात नहीं बनेगी. जब तक सड़क पर बेहतर लाइटिंग, स्पीड ब्रेकर, ट्रैफिक संकेत और सीसीटीवी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जाएंगी, तब तक हादसे कम नहीं होंगे.

प्रसाद तिराहा अब सिर्फ एक तिराहा नहीं, बल्कि एक चेतावनी बन चुका है. यह बताता है कि जहां ट्रैफिक नियमों की अनदेखी होती है, वहां ज़िंदगी कितनी सस्ती हो जाती है. अब समय आ गया है कि प्रशासन, आम लोग और समाज मिलकर इस खतरनाक ब्लैक स्पॉट को एक सुरक्षित चौराहे में बदलें. जिससे कोई और परिवार अपना बेटा, बहन या पिता इस सड़क पर न खो दे.



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