यूट्यूब से सीखा हुनर, बना डाली सेनेटरी पैड फैक्ट्री टेंशन में ब्रांड्स कंपनी क

0
यूट्यूब से सीखा हुनर, बना डाली सेनेटरी पैड फैक्ट्री टेंशन में ब्रांड्स कंपनी क


Last Updated:

कौशांबी की काजल सेन ने समूह से जुड़कर सेनेटरी पैड बनाने का काम शुरू किया. आर्थिक तंगी में यूट्यूब से सीखा हुनर अब आत्मनिर्भरता की मिसाल बना. कम दामों में सुरक्षित पैड बेचकर गांव की महिलाओं को भी सशक्त बना रही ह…और पढ़ें

X

काजल सेन 

कौशाम्बी- उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद की रहने वाली काजल सेन (उम्र 25 वर्ष) ने न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि अपने साथ कई और महिलाओं को भी रोजगार से जोड़कर प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. साल 2019 में एक स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाया और अपने पिता का हाथ बंटाना शुरू किया.

घर पर ही शुरू किया सेनेटरी पैड बनाने का कार्य
आर्थिक तंगी के बावजूद काजल ने हार नहीं मानी. उन्होंने घर पर ही सेनेटरी पैड बनाने का कार्य शुरू किया. शुरुआत में उन्हें बाजार में अपने उत्पाद बेचने में काफी मुश्किलें आईं, लेकिन काजल ने दृढ़ निश्चय के साथ अपना कार्य जारी रखा. आज उनके बनाए पैड की सबसे बड़ी ग्राहक हैं समूह की महिलाएं और स्कूल-कॉलेज की छात्राएं.

स्वयं सहायता समूह के साथ मिलकर किया विस्तार
शमशाबाद गांव की रहने वाली काजल ने अप्रैल 2024 में अपना स्वयं सहायता समूह गठित किया. इसके साथ-साथ वह बीसी समूह में भी सक्रिय रहीं और अब तक 18 समूहों का गठन कर चुकी हैं. उन्होंने यूट्यूब से प्रशिक्षण लेकर सेनेटरी पैड बनाना सीखा और महाराष्ट्र से सैनिटाइज़र मशीन व कच्चा माल मंगवाया.

हर महीने 300–400 सेनेटरी पैड का उत्पादन
काजल अब अन्य ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर हर महीने 300 से 400 पैड बनाती हैं और कम दामों में बेचती हैं. बाजार में जहां एक पैक (6 पैड) की कीमत ₹40 होती है, वहीं काजल का उत्पाद केवल ₹20 में उपलब्ध है. यह न केवल किफायती है, बल्कि पूरी तरह से सुरक्षित भी है, क्योंकि हर पैड को सैनिटाइज़र मशीन में अच्छी तरह से स्वच्छ किया जाता है.

ग्रामीण महिलाओं की सेहत को लेकर है संवेदनशीलता
काजल कहती हैं कि आज भी कई ग्रामीण महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, जिससे उन्हें गंभीर संक्रमण और बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इसी समस्या को समझते हुए उन्होंने यह कार्य शुरू किया. उनके अनुसार, एक पैड की लागत ₹15 आती है, और वे ₹20 में बेचती हैं, जिससे उन्हें एक पैक पर लगभग ₹5 की बचत होती है.

काजल का संदेश आत्मनिर्भर बनें और आगे बढ़ें
काजल सेन का उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है. वह चाहती हैं कि अन्य महिलाएं भी अपने पैरों पर खड़ी हों और स्वरोजगार की राह अपनाएं.

homeuttar-pradesh

यूट्यूब से सीखा हुनर, बना डाली सेनेटरी पैड फैक्ट्री टेंशन में ब्रांड्स कंपनी क



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *