यूपी के इस जिले में भूमि अधिग्रहण कर रही सरकार, विकसित की जाएगी आवासीय योजना; आखिर क्यों किसान कर रहे विरोध? – Farmers Protest Land Acquisition for Housing Scheme in Phulpur

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यूपी के इस जिले में भूमि अधिग्रहण कर रही सरकार, विकसित की जाएगी आवासीय योजना; आखिर क्यों किसान कर रहे विरोध? – Farmers Protest Land Acquisition for Housing Scheme in Phulpur


उत्तर प्रदेश के फूलपुर तहसील क्षेत्र में रिंग रोड के इर्द-गिर्द 11 गांवों में आवासीय योजना विकसित करने की तैयारी से किसानों में खलबली मच गई है। किसानों ने भूमि अधिग्रहण का विरोध करते हुए फूलपुर सांसद प्रवीण पटेल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। किसानों का कहना है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है और वे अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।

संवाद सूत्र, हनुमानगंज। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने फूलपुर तहसील क्षेत्र में रिंग रोड के इर्द-गिर्द 11 गांवों में आवासीय योजना विकसित करने की तैयारी की है। इससे किसानों में खलबली मच गई है। रविवार को भागीपुर के एक स्कूल में बड़ी संख्या में किसान जुटे। भूमि अधिग्रहण के विरोध में हुंकार भरी।

किसानों ने फूलपुर सांसद प्रवीण पटेल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। विरोध जताने वालों में प्रधान प्रदीप सिंह, प्रधान विजय सिंह पटेल, मनोज, बेला सिंह, प्रधान राजेंद्र सिंह, पिंटू गुप्ता, संजय सिंह, संतोष सिंह, नीरज, रामखेलावन भारतीय, लाल सिंह पटेल आदि उपस्थित रहे।

इन आराजी की मांगी गई खतौनी

अधिशाषी अभियंता कार्यालय तेलियरगंज ने एक अक्टॅूबर को एसडीएम को जारी किए गए पत्र में ग्राम सभा अंदावा में आराजी संख्या 230 से 239 तथा 244 से 331, तेंदुई में आराजी संख्या एक से 154 व 226 से 863, भागीपुर में आराजी संख्या एक से 335, कुआंडीह में एक से 50, गोतावां में 66 से 94 व 102 से 429, शर्फुद्दीनपुर में एक से 250, भोजपुर में 36 से 47, 51 से 82, 85 से 95, 100 से 146, 151 से 154 तथा 172 से 188, अबूसा में एक से 127, चकजोहरा में 66 से 90, 120 से 143, बहादुरपुर में पांच से 146, बरियारी में 306 से 317, 329 से 367, 377 से 381, 388 से 515 की भूमि के प्रमाणित खसरा खतौनी मांगे गए हैं।

संपर्क मार्ग पर आवागमन रोकने पर किसानों ने किया हंगामा

आठ वर्षों से लेड़ियारी मंडी की पुलिया टूटने के बाद वैकल्पिक मार्ग से हो रहे आवागमन को रविवार को कुछ काश्तकारों ने रोक दिया। संपर्क मार्ग को काश्तकारों द्वारा अवरूद्ध कर देने से क्षेत्र व दूरदराज से आए किसानों व व्यापारियों के वाहनों की कतार लग गई तो वे आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे।मामले की सूचना पर थानाध्यक्ष खीरी आशीष सिंह, नायब तहसीलदार रणविजय सिंह राजस्व कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाने का प्रयास किया। लगभग तीन घंटे बाद एक पक्ष ने अपनी-अपनी जमीन से रास्ता देने की बात कही, तब जाकर आवागमन शुरू हो सका। वर्ष 1991 से संचालित मार्ग पर बनी पुलिया छह वर्ष पूर्व ध्वस्त हो जाने से कुछ काश्तकारों ने अपनी भूमि पर वाहनों के आवागमन की सहमति दी थी।

रविवार को एक पक्ष के काश्तकारों ने अपनी भूमि बताकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया। इससे करीब तीन घंटे तक किसान अपना अनाज वाहनों में लादकर परेशान रहे। मंडी परिसर के मुख्य मार्ग पर बनी पुलिया टूट जाने के बाद दो पक्षों में विवाद है। इसकी वजह से मंडी तक आवागमन में समस्या बनी हुई है। मंडी सचिव दिलीप सिंह ने बताया कि पुलिया निर्माण का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण आवागमन में परेशानी हो रही है।

मंडी समिति का रास्ता नहीं होगा बाधित

रविवार को मंडी समिति के वैकल्पिक रास्ते के आवागमन को बाधित करने के मामले में एसडीएम आकांक्षा सिंह ने बताया कि न्यायिक कार्य में दबाव बनाने के लिए काश्तकारों के एक पक्ष ने जानबूझकर रास्ता अवरुद्ध करने का प्रयास किया। जबकि एक पक्षकार की सहमति पर वैकल्पिक रास्ते से आवागमन हो रहा है।मंडी के रास्ते के लिए निशुल्क जमीन देने को तैयार मंडी समिति के वैकल्पिक रास्ते के एक पक्षकार भगवती प्रसाद मिश्र ने बताया कि रास्ते के लिए मैंने अपने हिस्से की जमीन दी है। विपक्षियों द्वारा जानबूझकर आवागमन अवरुद्ध किया जा रहा है। अगर मंडी समिति और प्रशासन चाहे तो वह रास्ते के लिए अपनी जमीन मंडी को निशुल्क दान करने के लिए तैयार है।
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