यूपी के इस पार्क में विदेशों जैसा माहौल, डायनासोर, शेर का पर्यटक उठाएंगे आनंद

गौतम बुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में सेक्टर 44 में महामाया फ्लाईओवर गया है. इस फ्लाईओवर के पास ओखला पक्षी विहार के पास वेस्ट टू वंडर पार्क का निर्माण किया जा रहा है. इस पार्क को बनने में अभी 2 माह का समय लगेगा. बता दें कि समय पर काम पूरा न कर पाने पर एजेंसी ने प्राधिकरण से यह समय लिया है. इस पार्क में कबाड़ से बनाए गए डायनासोर, मगरमच्छ, अजगर, बंदर बच्चों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
2024 में तैयार हुआ था पार्क का मॉडल
जून 2024 में शहर के इस पहले पीपीपी मॉडल के पार्क का निर्माण शुरू हुआ था. 4 महीने में काम पूरा करने का दावा किया गया था. इसके बावजूद काम पूरा नहीं हो सका. प्राधिकरण द्वारा यह पार्क करीब 18.57 एकड़ में बना रहा है. पार्क का नाम नोएडा जंगल ट्रेल होगा.
कबाड़ से बनाए गए डायनासोर-मगरमच्छ
इस पार्क के अदंर लोगों को आकर्षित करने के लिए कबाड़ से डायनासोर, मगरमच्छ, अजगर, बंदर की आकृतियां लगाई गई हैं. इसके साथ ही छोटी आकृतियों में सुंदर-सुंदर चिड़िया भी कबाड़ से बनी हुई हैं. पार्क में आने वाले लोग जंगल में शहर का लुफ्त भी उठा सकेंगे. प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम ने बताया कि कुछ काम और एजेंसी को करने हैं. इसके लिए दो महीने का और समय दिया गया है.
इतने जोन में बांटा गया है पार्क
पार्क को 3 जोन में बांटा गया है. पहला जोन A 4.005 एकड़ में फैला है. इसमें पार्किंग एमपी थियेटर, फूड कोर्ट और एग्जिबिशन एरिया है. यहां आठ बेसन और 76 कारों की पार्किंग होगी. जोन B में 8.77 एकड़ में बनाया जा रहा है. इसमें टॉपिकल अरेंज फॉरेस्ट ग्रास लैंड वेस्टलैंड को बनाया जा रहा है. तीसरा जोन C 5.45 एकड़ में होगा. इसमें आईस लैंड ओसियन फॉरेस्ट और पोलर रीजन होगा.
यह होगी व्यवस्थाएं
यह पार्क अपने आप में अनोखा होगा, जिसमें कॉन्सेप्ट 4D पर आधारित है. इस पार्क को बनाने वाली कंपनी ही इसका संचलान और मेंटेनेंस करेगी. पार्क में आने वाले लोगों के लिए टिकट रखा जाएगा. जिसका 50-50 प्रतिशत राजस्व की हिस्सेदारी होगी. इस पार्क की रीच को बढ़ाने के लिए इस सेक्टर 44-94 के पास बनाया जा रहा. ताकि दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद के लोग यहां तक आसानी से आ सकें.
जानिए कैसा होगा पार्क
दिल्ली एनसीआर का पहला पार्क होगा, जिसमें जंगल नाइट सफारी होगी. यह कार्ड के जरिए तैयार किया जाएगा. पार्क में जल मरुस्थल बर्फ और घने जंगलों में रहने वाले 800 जानवरों को बनाया जाएगा. फूड कोर्ट होगा. प्ले एरिया बनाया जाएगा. पिकनिक स्पॉट होगा. बेस्ट के जरिए आउटडोर फर्नीचर आउटडोर लाइटिंग और शॉप बनाई जाएगी. पानी में रहने वाले जंतुओं को दिखाया जाएगा.
इतने टन लोहे से होगा निर्माण
पार्क में 500 टन लोहा वेस्ट का प्रयोग किया जाएगा. यहां लोहे से पार्क में स्कल्पचर बनाए जाएंगे. इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग भी किया जा रहा है. इस पार्क को बनाने में करीब 15 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इसमें हाथी, शेर, जिराफ, जंगली भैंस, डायनासोर मोर, भालू, बंदर समेत आदि जीव जंतुओं को बनाया जाएगा.